एबीवीपी में भी पार्टी बदलने वालों की सीधी एंट्री पर रोक

- तृणमूल कांग्रेस या माकपा छोड़ने वाले छात्र-छात्राएं रातोंरात नहीं होगी सकेंगी एबीवीपी में शाि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Jul 2019 06:52 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jul 2019 06:38 AM (IST)
एबीवीपी में भी पार्टी बदलने 
वालों की सीधी एंट्री पर रोक
एबीवीपी में भी पार्टी बदलने वालों की सीधी एंट्री पर रोक

- तृणमूल, कांग्रेस या माकपा छोड़ने वाले छात्र-छात्राएं रातोंरात नहीं होगी सकेंगी एबीवीपी में शामिल

- आरएसएस का छात्र संगठन एबीवीपी को निर्देश

जागरण संवाददाता, कोलकाता : लोकसभा चुनाव में बंगाल में धुंआधार प्रदर्शन करते हुए 18 सीट जीतने के बाद से ही सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, माकपा और कांग्रेस छोड़ कर विधायक, नेता और कार्यकर्ताओं का भाजपा में शामिल होने का सिलसिला जारी है। प्रतिदिन राज्यभर में हजारों की संख्या में तृणमूल-माकपा छोड़ कर कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

इसे लेकर भाजपा में विवाद भी उत्पन्न होने लगा है। वीरभूम जिले के लाभपुर के विधायक मनिरूल इस्लाम के तृणमूल छोड़ कर भाजपा में शामिल होने के बाद पूरे जिला नेतृत्व ने विरोध शुरू कर दिया है।

कई जगहों पर नए-पुराने समर्थकों में मारपीट की घटनाएं भी हो चुकी है। इसे देखते हुए आरएसएस ने अपने छात्र संगठन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में पार्टी बदलने वालों की सीधी एंट्री पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। अब तृणमूल, कांग्रेस या माकपा छोड़ कर आने वाले छात्र-छात्राएं रातोंरात एबीवीपी का सदस्य नहीं बन सकते। इसके लिए उन्हें सांगठनिक जिला नेतृत्व से स्वीकृति पत्र लेना होगा, जिसके बाद ही वे शामिल हो सकेंगे।

सूत्रों की मानें तो भाजपा में शामिल होने वाले नेता आरएसएस में ऊंचे पद की जिम्मेदारी संभालने की इच्छा जता रहे हैं। पर आरएसएस ने स्पष्ट कर दिया है कि दूसरी पार्टियों ने आने वालों को जल्दबादी में महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी नहीं दी सकती है।

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