West Bengal: सीएए-एनआरसी की मुखालफत में अब पीआर एजेंसी का सहारा, भाजपा ने कसा तंज

West Bengal BJP. बंगाल भाजपा के नेताओं का कहना है कि लोग इन विरोध-प्रदर्शनों के सियासी उद्देश्यों को समझ चुके हैं और धीरे-धीरे इससे किनारा कर रहे हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 14 Feb 2020 05:00 PM (IST) Updated:Fri, 14 Feb 2020 05:00 PM (IST)
West Bengal: सीएए-एनआरसी की मुखालफत में अब पीआर एजेंसी का सहारा, भाजपा ने कसा तंज
West Bengal: सीएए-एनआरसी की मुखालफत में अब पीआर एजेंसी का सहारा, भाजपा ने कसा तंज

जागरण संवाददाता, कोलकाता। West Bengal BJP. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकरजिस्टर (एनआरसी) का विरोध करने वाले अपने प्रचार व सभा में लोगों और मीडिया को बुलाने के लिए अब जनसंपर्क (पीआर) एजेंसी की मदद लेने लगे हैं। नई दिल्ली के शाहीन बाग की तरह ही महानगर के पार्क सर्कस मैदान में सीएए-एनआरसी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन चल रहा है। यहां वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम से लेकर कई हस्तियां आ चुकी हैं। शुक्रवार को अपराह्न 3.30 बजे यहां सीएए-एनआरसी के विरोध में जाने-माने पेंटर वसीम कपूर के नेतृत्व में बुद्धिजीवियों की सभा हुई।

वसीम कपूर ने इस सभा के लिए बंगाल के चित्रकारों, लेखकों, प्रोफेसरों, गायकों समेत विभिन्न पेशे से जुड़े बुद्धिजीवियों, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष समेत कई लोगों को आमंत्रित किया गया था। सफेद आमंत्रण पत्र पर सबसे ऊपर मीडिया इंविटेशन और उसके नीचे मोटे अक्षरों में वसीम आर कपूर लिखा है और सबसे नीचे पीआर एजेंसी का नाम व संपर्क व्यक्ति का मोबाइल नंबर है। वैसे तो सभा का आमंत्रण पत्र भेजने वाली पीआर एजेंसी का तर्क है कि वसीम कपूर उनके मित्र हैं, इसलिए उनके इस कार्यक्रम का आमंत्रण पत्र उन्होंने मीडिया को भेजा है। इसका उनके पेशे से कोई लेना-देना नहीं है।

गौरतलब है कि बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी पिछले कई माह से सड़क पर उतरकर सीएए-एनआरसी का विरोध कर रही हैं। उनकी पार्टी की ओर से धर्मतल्ला में लगातार धरना भी दिया जा रहा है। वामपंथी व कांग्रेस भी अपने-अपने स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी तरफ भाजपा सीएए-एनआरसी के समर्थन में जुलूस निकाल रही है और रैलियां आयोजित कर रही है। इन सबके बीच यह पहला मौका है, जब सीएए-एनआरसी के विरोध में सभा आयोजित करने वालों ने प्रचार के लिए पीआर एजेंसी की मदद ली है। वैसे तो चुनाव जीतने के लिए सियासी दल पीआर एजेंसियों की मदद लेती है लेकिन सीएए-एनआरसी के विरोध के लिए पीआर एजेंसी का सहारा लेने का यह पहला मामला है।

भाजपा ने कसा तंज

इस मामले में प्रदेश भाजपा के नेताओं का कहना है कि लोग इन विरोध-प्रदर्शनों के सियासी उद्देश्यों को समझ चुके हैं और धीरे-धीरे इससे किनारा कर रहे हैं, इसलिए उन्हें आमंत्रण पत्र भेजने की जरूरत महसूस होने लगी है। दोनों सदनों व राष्ट्रपति के मुहर वाले एक कानून को गलत बताया जा रहा है और इसके खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को प्रचार के लिए पीआर एजेंसी की मदद लेनी पड़ रही है।

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