जंगली हाथियों से मुकाबले को आए आठ पालतू हाथियों की दो टीमें

जंगली हाथियों के रिहायशी बस्ती व फसलों को बचाने के लिए वन विभाग ने एक अनूठा प्रयोग किया है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 14 Dec 2017 04:38 PM (IST) Updated:Thu, 14 Dec 2017 04:38 PM (IST)
जंगली हाथियों से मुकाबले को आए आठ पालतू हाथियों की दो टीमें
जंगली हाथियों से मुकाबले को आए आठ पालतू हाथियों की दो टीमें

धुपगुड़ी, [संवाद सूत्र]। जंगली हाथियों के रिहायशी बस्ती व फसलों को बचाने के लिए वन विभाग ने एक अनूठा प्रयोग किया है। वन विभाग के कर्मी अब जंगली हाथियों के मुकाबले के लिए पालतू को सामने लाएंगे। वन विभाग ने पालतू हाथियों की टीम में आठ पालतू हाथियों को शामिल किया है। इस प्रयोग का नतीजा जो भी हो लेकिन उम्मीद जरूर किसानों में जगी है।

बुधवार सुबह धुपगुड़ी ब्लाक के गधेयाकुठी, बागचीबाड़ी व मयनागुड़ी ब्लाक के दासपाड़ा, झाडूआपाड़ा के जलढ़ाका नदी से सटे इलाकों में जंगली हाथियों के उत्पात को रोकने के लिए वनकर्मी दिन भर आठ पालतू हाथियों के साथ निकले। पालतू हाथियों की दो टीम बनाकर इस पूरे क्षेत्र में उन्हें घुमाया गया। गोरूमारा में शिलावती, मेघलाल, तीस्ता, मूर्तिरानी व भोलानाथ और धूपझोड़ा में कावेरी, आमन व हिलारी नाम के पालतू हाथियों को मैदान में उतारा गया। इस दौरान अनारी वाईल्ड लाइफ की वार्डन सीमा चौधरी मौजूद थीं।

क्षेत्रीय बाशिंदे बंसत राय ने कहा वन विभाग की यह पहल जंगली हाथियों से छुटकारा दिलाने में मददगीर साबित हो सकती है। इससे घर व फसलों को बचाने की उम्मीद बढ़ी है।

हाथियों के उत्पात से धुपगुड़ी के गधेयारकुठी गांव के किसान खासे परेशान हैं। इसके चलते यहां के बाशिंदो को कई बार जलढाका नदी के किनारे ही रात गुजारनी पड़ी है। दस दिनों से करीब 80 हाथियों का झुंड इलाके में ही घूम रहा है। धुपगुड़ी के नाथुआ हाट से लेकर जलढाका ब्रिज तक करीब पांच किलोमीटर नदी के किनारे 250 किसान व श्रमिक परिवार रहते हैं।

वन अधिकारियों का कहना है कि जब हाथियों के झुंड उत्पात मचाते हैं तो वहां तक वाहन न जा पाने से कर्मियों को परेशानी होती है। एक तरफ जंगल तो दूसरी ओर जलढाका नदी का पानी बहता है। धान की फसल शुरू होते ही इलाके में हाथियों का तांडव शुरू हो जाता है।

एडीएफओ राजू सरकार ने कहा कि हाथी के उत्पात से बचने के लिए किसानों को भी वैकल्पिक खेती के बारे में सोचना होगा। अनाज की फसल होने के कारण ही हाथी घुस जाते हैं।

chat bot
आपका साथी