डेंटल कॉलेज में ढांचागत सुविधाओं का विकास जारी

-रोगी कल्याण समिति की बैठक में कई प्रस्ताव पारित -डीसीआई के निर्देशों के अनुसार हो रह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 11:03 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 06:17 AM (IST)
डेंटल कॉलेज में ढांचागत सुविधाओं का विकास जारी
डेंटल कॉलेज में ढांचागत सुविधाओं का विकास जारी

-रोगी कल्याण समिति की बैठक में कई प्रस्ताव पारित

-डीसीआई के निर्देशों के अनुसार हो रहा है काम

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल डेंटल कॉलेज व अस्पताल में डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआइ) के गाइड लाइन के मुताबिक विकास कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा जिन कमियों को दिखाकर डीसीआइ ने पिछले वर्ष बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) की सभी 50 सीटें रद्द कर दी थी, उन कमियों को भी दुरूस्त किया जा रहा है। उक्त बातें उत्तर बंगाल डेंटल कॉलेज व अस्पताल रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन डॉ रूद्रनाथ भट्टाचार्य ने कही। वह सोमवार को उत्तर बंगाल डेंटल कॉलेज व अस्पताल रोगी कल्याण समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समिति की बैठक में डेंटल कॉलेज के ढांचागत विकास पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि डीसीआइ डेंटल कॉलेज के ढांचागत व्यवस्था में कुछ कमियों को उल्लेख किया था। हम लोग उन कमियों को दूर कर रहे हैं।

यहां तीन सौ लोगों के बैठने की क्षमता वाले एक ऑडोटोरियम का निर्माण हो रहा है। इसका सिविल वर्क पूरा हो गया है। वहीं दो और स्मार्ट क्लास रूम तैयार किया जा रहा है। ऑडोटोरियम व स्मार्ट क्लास रूम का निर्माण कार्य अगले कुछ महीनों में पूरा हो जाएगा।

डॉक्टर भट्टाचार्य ने कहा कि डेंटल कॉलेज का ढांचागत विकास डेंटल में स्नातकोत्तर (एमडीएस) की पढ़ाई की योजना को देखते हुए किया जा रहा है।

डेंटल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर सत्यव्रत मुखर्जी ने कहा कि डेंटल कॉलेज में जिन कमियों का उल्लेख डीसीआइ द्वारा किया गया था, उन कमियों को दूर करने के लिए ढांचागत विकास कार्य तेज गति से चल रहा है। यहां दो स्मार्ट क्लास रूम पहले से ही है। जबकि एक-एक सौ लोगों की बैठने की क्षमता वाले दो और स्मार्ट क्लास रूम तैयार किए जा रहे हैं। इसका भी सिविल वर्क पूरा हो गया है। आइटी का काम चल रहा है। इसके अलावा दो क्लास रूम को स्मार्ट क्लास रूम के रुप में परिवर्तित किया जाएगा।

डेंटल कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि कॉलेज में एमडीएस के लिए पर्याप्त संकाय, नर्सिग स्टाफ, ग्रुप डी स्टाफ व अन्य मानव शक्ति की जरूरत होती है। एमडीएस में पढ़ाई शुरू करने की अनुमति के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास पत्र लिखा जाएगा। बताया गया कि यहां पर चाइल्ड डेंटिस्ट्री, पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री तथा ओरल मेडिसीन एंड रोडियोलॉजी में एमडीएस की सुविधा शुरू करने पर योजना बनाई जा रही है।

न्यूनतम धन का उपयोग कर छोटी मात्रा के उपकरण खरीदा जा सकता है, इसे बैठक में पास किया गया। इसके अलावा सप्ताह में एक बार मलिन बस्तियों में मौखिक स्वच्छता शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया गया।

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