आवंटन किसी के नाम से और कब्जा किसी और का

-कई साल पहले से चल रहा है कोल्ड स्टोरेज बनाने का खेल - कई स्टॉल अवैध रूप से सीमेंट गोदा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 08:30 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 08:30 PM (IST)
आवंटन किसी के नाम से और कब्जा किसी और का
आवंटन किसी के नाम से और कब्जा किसी और का

-कई साल पहले से चल रहा है कोल्ड स्टोरेज बनाने का खेल

- कई स्टॉल अवैध रूप से सीमेंट गोदाम में तब्दील --------

-मसाला बाजार के साथ फल मंडी में भी कई कोल्ड स्टोरेज का निर्माण

-पार्टनरशीप डीड के नाम पर चल रहा है पूरा धंधा सिलीगुड़ी रेगूलेटेड मार्केट-2

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : अधिनियमों की धज्जियां और अनियमितता का अखाड़ा बन चुका सिलीगुड़ी रेगूलेटेड मार्केट में अवैध रुप से कोल्ड स्टोरेज बनाने का क्रम अभी शुरु नहीं हुआ। बल्कि वर्ष 2018 या उससे भी पहले भी कोल्ड स्टोरेज बनाये जाने के प्रमाण मिले हैं। लेकिन अभी तक सिलीगुड़ी रेगूलेटेड मार्केट प्रबंधन या पश्चिम बंगाल स्टेट मार्केट बोर्ड की ओर से इसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया है। प्रशासन की चुप्पी से व्यापारियों को इतना सह मिला है कि कृषि उत्पादित कच्चे माल की इस मंडी में सीमेंट का गोदाम भी दिखने लगा है।

वर्ष 2002 में आवंटित मसाला मार्केट के स्टॉल में मछली व्यापारी रतन प्रसाद साह ही नहीं बल्कि और भी कई कोल्ड स्टोरेज पहले से बने हुए हैं। इसके अतिरिक्त फल मंडी के व्यापारियों ने अपने मन मुताबिक कई कोल्ड स्टोरेज बना लिया है। सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मसाला मार्केट के स्टॉल नंबर एसपी-16 में निर्माणाधीन कोल्ड स्टोरेज के अलावा एसपी-4 व एसपी-05 में भी कोल्ड स्टोरेज बनाया जा चुका है। वहीं फल मंडी के स्टॉल नंबर टीजी-19, टीए-27, टीए-26/1, टीए-22/1 में भी कोल्ड स्टोरेज में परिवर्तित कर दिया गया है। लेकिन किसी भी व्यापारी के पास कोल्ड स्टोरेज बनाने की अनुमति पश्चिम बंगाल स्टेट मार्केटिंग बोर्ड से नहीं मिली है। कोल्ड स्टोरेज में परिवर्तित किए कई स्टॉल पर मालिकाना जताने वाले व्यापारियों के पास स्टॉल आवंटन के कागजात तक नहीं हैं। गहराई से छानबीन करने पर मिली जानकारी के अनुसार स्टॉल का आवंटन किसी अन्य के नाम पर हुआ था और फिलहाल उस स्टॉल पर किसी अन्य व्यापारी का कब्जा है।

छानबीन में मिले तथ्यों के अनुसार कोल्ड स्टोरेज में तब्दील मसाला मार्केट का स्टॉल नंबर एसपी-04 का आवंटन अमल दे के नाम पर हुआ था। लेकिन इस स्टॉल पर अधिपत्य अशोक पंडित का है। वहीं एसपी-05 का आवंटन आरटीसी ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर हुआ था, लेकिन फिलहाल अधिपत्य किशोर पंडित का है। फल मंडी का स्टॉल नंबर टीजी-19 का आवंटन मार्केटिंग बोर्ड ने गुलाब चंद्र प्रसाद के नाम पर हुआ था। लेकिन इस स्टॉल को कोल्ड स्टोरेज में तब्दील कर अजित दास व रीना दास अधिपत्य जमाए बैठे हैं। सूत्रों की माने तो स्टॉल का आवंटन लेने वाले व्यापारी के साथ पार्टनरशीप का जाल बिछाकर अवैध रुप से खरीद-बिक्री की गई है। लेकिन अवैध रुप से बनाया गया वह डीड ऑफ सेल भी व्यापारियों के पास नहीं है। बल्कि वह सभी डीड रेगुलेटेड मार्केट के पूर्व सचिव देव ज्योति सरकार वर्ष 2019 के फरवरी में ही अपने साथ लेकर चले गए।

अब इन सभी स्टॉल का घनफल कोल्ड स्टोरेज की श्रेणी में आता है। लेकिन कई व्यापारियों का कहना है कि यह कोल्ड स्टोरेज नहीं बल्कि कोल्ड रुम या एसी रुम बनाया गया है। टीजी-19 पर मालिकान जताने वाले अजित दास का कहना है कि कोल्ड स्टोरेज बनाने की अनुमति उन्हें कालिम्पोंग से मिली है। जबकि टीए-27 के मालिक का कहना है कि यह कोल्ड स्टोरेज नहीं कोल्ड रुम या एसी रुम बनाया गया है। जिसकी अनुमति जिला शासक से मिली है। स्टॉल को बंद रोधक कक्ष बनाकर उसमें बारह से तेरह हजार बीटीयू पावर वाली मशीन लगाकर रुम में फल को ठंड सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गई है। जैसे बड़े-बड़े मॉल में फल व सब्जियों का ताजा रखने की व्यवस्था की जाती है। क्या है नियम और कानून

यहां बताते चलें कि मॉल इंडस्ट्रियल एक्ट के अनुसार अग्निशमन की वहां समुचित व्यवस्था की जाती है। जबकि सिलीगुड़ी रेगूलेटेड मार्केट इंडस्ट्रियल एक्ट के अधीन नहीं है। वहीं वेस्ट बंगाल कोल्ड स्टोरेज (लाइसेंसिंग एंड रेगूलेशन) एक्ट-1966 और रुल्स व रेगूलेशन एक्ट 1967 में कोल्ड रुम या एसी रुम का कोई जिक्र नहीं है। बल्कि एक्ट-1966 की धारा-2(6) के तहत कोल्ड स्टोरेज बनाने का लाईसेंस प्रदान करना कृषि (मार्केटिंग) विभाग के निदेशक व सहायक निदेशक के साथ संबंधित जिलाधिकारी के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसमें सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट कमेटी के सचिव की भूमिका मात्र रिपोर्ट मुहैया कराने की है।

पहले अवैध निर्माण पर चल चुका है बुल्डोजर

वर्ष 2012 के सितंबर महीने के अंतिम सप्ताह में सिलीगुड़ी महकमा के तत्कालीन महकमा शासक वैभव श्रीवास्तव ने सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में स्टॉल के अलावा व्यापारियों द्वारा बनाए अन्य निर्माण जैसे शौचालय तथा अवैध गोदाम पर बुल्डोजर चला दिया था। उस क्रम में मार्केट के एक स्टॉल से देशी शराब की बोतलें बरामद हुई थी। कच्चे माल की यह थोक मंडी फिर से उसी ओर अग्रसर है। मार्केट के एफ ब्लॉक के बाद बने नए स्टॉलों में से एक को सीमेंट का गोदाम बना दिया गया है।

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