भूटान की खूबसूरती देखनी है तो पासपोर्ट या मतदाता पहचान पत्र ले जाना होगा साथ
यदि आप भूटान की खूबसूरती को देखना चाहते हैं तो अगले वर्ष पहली जनवरी से पासपोर्ट या मतदाता पहचान पत्र साथ ले जाना होगा। भारतीय दूतावास ने कहा है कि अव वह भी कोई मदद नहीं कर सकेगा।
जयगांव [संवाद सूत्र]। अब भूटान भ्रमण करने वाले भारतीय सैलानियों को पासपोर्ट या मतदाता पहचानपत्र साथ लेकर जाना ही होगा। बिना इसके आप भूटान की खूबसूरती को नहीं देख पाएंगे। अगले वर्ष पहली जनवरी से इस मामले में किसी प्रकार का सहयोग भारतीय दूतावास द्वारा नहीं किया जाएगा। भूटान स्थित भारतीय दूतावास ने एक पत्र जारी कर यह जानकारी दे दी है।
भूटान में भारतीय दूतावास के सीजीआइ राहुल यादव ने बताया कि पहली जनवरी 2019 से इस तरह की सेवा बंद करने पर विचार किया गया है। भूटान में भ्रमण के लिए वहां के इमीग्रेशन विभाग में भारतीयों का वोटर कार्ड या पासपोर्ट मांगा जाता है। इसके बाद ही टूरिस्ट पास दिया जाता है। लेकिन कुछ भारतीय वोटर कार्ड या पासपोर्ट के बगैर ही भ्रमण के लिए पहुंच जाते हैं। इस प्रकार के लोगों को टूरिस्ट पास मुहैया कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अभी तक भारतीयों को भारतीय दूतावास में पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड आदि दिखाए जाने पर दूतावास की ओर से ही आइडेंटिफिकेशन स्लिप मुहैया कराई जाती है। इस आधार पर भारतीय पर्यटकों को टूरिस्ट पास मिल जाता है।
मगर आगामी पहली जनवरी 2019 से इस तरह की सेवा को भारतीय दूतावास की ओर से पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। अब लोगों को टूरिस्ट पास के लिए भूटान के इमीग्रेशन विभाग के पास जाना होगा, जहां भारतीय पहचान पत्र अर्थात् वोटर आइडी या पासपोर्ट दिखाना होगा। बच्चों के लिए जन्म का प्रमाणपत्र दिखाना आवश्यक होगा। इसलिए पत्र के माध्यमसे भारतीय लोगों से अपील करते हुए भूटान आने के दौरान मतदाता पहचान पत्र या पासपोर्ट साथ में लाने की बात कही गई है। ज्ञातव्य है कि भूटान में घूमने आने वाले भारतीयों को लंबे समय से इस तरह के टूरिस्ट पास की समस्या से जूझना पड़ता है। दूसरी तरफ भूटान में रहने वाले भूटानी नागरिक भारत के किसी भी जगह में आ-जा सकते हैं, इसके लिए उनलोगों को किसी तरह का कोई भी पहचान पत्र दिखाना जरूरी नहीं होता है।