आंदोलन मंच तोड़ जाने पर गुस्से में अधिवक्ता

-कहा, जबतक नहीं बनेगा अदालत भवन तक तक चलेगा धरना -आक्रोशित वकीलों का आरोप अदालत क

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 02:44 PM (IST) Updated:Sun, 23 Sep 2018 02:44 PM (IST)
आंदोलन मंच तोड़ जाने पर गुस्से में अधिवक्ता
आंदोलन मंच तोड़ जाने पर गुस्से में अधिवक्ता

-कहा, जबतक नहीं बनेगा अदालत भवन तक तक चलेगा धरना

-आक्रोशित वकीलों का आरोप अदालत को अन्यत्र ले जाने की हो रही साजिश

-सोमवार को साधारण सभा में तय होगी आंदोलन की रूपरेखा

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी अदालत परिसर में अदालत भवन की मांग को लेकर 11 जुलाई से आंदोलन कर रहे सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन के धरना मंच को शनिवार की आधी रात को प्रशासन द्वारा तोड़े जाने को लेकर अधिवक्ताओं में व्यापक आक्रोश है। रात को ही बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गंगोत्री दत्त और बड़ी संख्या में वकीलों का दल पहुंचा। वहां दो अधिकारियों का घेराव कर प्रदर्शन किया। पुलिस पहुंचकर उन्हें किसी तरह अपने साथ ले गयी। विवाद को बढ़ता देखकर वहां जिलाधिकारी जोयशी दासगुप्त भी पहुंची। उन्हें भी वकीलों के कोप का शिकार होना पड़ा। रविवार को दोबारा मंच बनवा देने के आश्वासन पर स्थित सामान्य हुई। रविवार को मंच को तैयार भी कराया गया है। वकीलों के बीच प्रशासन के इस कदम की निंदा करते हुए व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी जा रही है। एसोसिएशन के अध्यक्ष गंगोत्री दत्त व पूर्व सचिव चंदन दे ने कहा कि भवन निर्माण को लेकर लगातार पांच वर्षो से गतिरोध बना हुआ है। इसको लेकर बातचीत हो रही है। ऐसे में जिला प्रशासन के आदेश पर रात के अंधेरे में आंदोलन मंच तोड़ देना आपराधिक मामला है। इसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। सोमवार को इसको लेकर साधारण सभा बुलायी गयी है। इसमें आंदोलन और घटना को लेकर कानूनी कार्रवाई पर विचार विमर्श किया जाएगा। बताया कि वर्ष 2012 में यहां के भवन को यह कहकर तोड़ा गया कि जल्द यहां नया भवन बनेगा। उसके बाद नया भवन नहीं बना। उसके बाद लगातार वकीलों को आंदोलन चला। बताया गया कि सरकार यहां से अदालत को अन्यत्र ले जाना चाहती है। इसको लेकर वर्ष 2015 में लगातार 36 दिनों तक कोर्ट का कामकाज वकीलों के आंदोलन के कारण बंद रहा था। निर्णय लिया गया कि कोर्ट का स्थानान्तरण नहीं होगा। सिलीगुड़ी कोर्ट परिसर में नये अदालत भवन के निर्माण के लिए कलकत्ता के उच्च न्यायाधीश व कानून मंत्री से मिलकर बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मांगपत्र सौंपा था। मार्च माह में कानून सचिव और कलकत्ता उच्च न्यायालय की कमेटी की ओर से बार एसोसिएशन की ओर से पत्र भेजा गया जिसमें सिलीगुड़ी कोर्ट को स्थानान्तरित नहीं करने की बात कहीं गयी। कहा गया था कि यहां जल्द ही बिल्डिंग बनाया जाएगा। चार माह से अधिक का समय बीत गया परंतु इस संबंध में कोई भी रिवाइज प्लान नहीं मिला है। जो जानकारी अधिवक्ताओं को मिल रही है उसके अनुसार सरकार की ओर से यहां कोर्ट बनाने की मंशा ही नहीं है। ऐसा होता तो पुलिस कमिश्नरेट में भक्तिनगर, एनजेपी और आमबाड़ी को शामिल किए कई वर्ष हो गये परंतु अबतक इन थानों के मामले सिलीगुड़ी कोर्ट में नहीं भेजे जा रहे है। बार एसोसिएशन की अध्यक्ष गंगोत्री दत्त ने कहा कि यह लड़ाई आर-पार की होगी। जरूरत पड़ी तो अधिवक्ता अनिश्चित काल के लिए कोर्ट का कामकाज भी ठप कर सकते है।

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