गौतम देव ने संभाला नगर निगम का कार्यभार

-नगर निगम के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टिया की रद्द -कहा कोई शनिवार व रविवार नही

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 10:09 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 10:09 PM (IST)
गौतम देव ने संभाला नगर निगम का कार्यभार
गौतम देव ने संभाला नगर निगम का कार्यभार

-नगर निगम के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टिया की रद्द

-कहा, कोई शनिवार व रविवार नहीं होगा, हर पल करना होगा काम

-शहर में कोरोना महामारी से निपटना सबसे बड़ी प्राथमिकता

-कोरोना संकट से मुकाबले में न हो कोई राजनीति, केवल हो सेवा जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल सरकार के पालिका मामलों के विभाग की ओर से सिलीगुड़ी नगर निगम की प्रशासकीय समिति के नवनियुक्त चेयरमैन गौतम देव ने शुक्रवार को अपना पदभार संभाल लिया। इस दिन उन्होंने सिलीगुड़ी नगर निगम के प्रशासक आईएएस अधिकारी सुरेंद्र गुप्ता से कार्यभार प्राप्त किया। पश्चिम बंगाल राज्य के पूर्व मंत्री व तृणमूल काग्रेस के वरिष्ठ नेता गौतम देव ने कार्यभार संभालते ही कहा कि वर्तमान समय में कोरोना महामारी से निपटना ही सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी। इसीलिए नगर निगम के समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। अभी फिलहाल कोई शनिवार व रविवार नहीं होगा। हर दिन, हर पल, हर किसी को काम करना पड़ेगा। मैंने सुना है बहुत से लोगों के पास कोई काम नहीं है। वे सिर्फ आराम कर रहे हैं। उन्हें हम विभिन्न वार्डो में कोरोना महामारी से मुकाबले का काम देंगे। किसी को भी काम की कमी नहीं रहेगी। मैं काम करने वाला आदमी हूं। मुझे काम पसंद है। मुझे आराम पसंद नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में कोरोना संकट से उबरना सर्वोपरि है। इस पर किसी को भी कोई राजनीति नहीं करनी चाहिए। जहा राजनीति की जाती है वहीं की जानी चाहिए। हर जगह राजनीति सही नहीं होती है। अभी सर्वोपरि कोरोना से मुकाबला ही है। इस दिशा में वह शनिवार दोपहर को नगर निगम में ही दाíजलिंग व जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन एवं नगर निगम के अधिकारियों संग उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। उसके बाद सिलीगुड़ी नगर निगम के सभी निवर्तमान पार्षदों एवं संयोजकों संग भी वह बैठक करेंगे।

गौतम देव ने यह भी कहा कि वह अशोक भट्टाचार्य से भी बातचीत करेंगे। उनके अनुभव को भी काम में लगाएंगे। उल्लेखनीय है कि अशोक भट्टाचार्य सिलीगुड़ी नगर निगम के निवर्तमान मेयर और प्रशासकीय समिति के चेयरमैन रहे हैं। गत मई 2015 में निर्वाचित माकपा नीत वाम मोर्चा संचालित नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल गत मई 2020 में समाप्त हो गया। उसके बाद कोरोना महामारी के मद्देनजर चुनाव नहीं कराया जा सका। तब, राज्य सरकार ने अशोक भट्टाचार्य को ही प्रशासकीय समिति का चेयरमैन बनाते हुए अन्य कई मेयर परिषद सदस्य एवं वार्ड पार्षदों को बतौर वार्ड संयोजक समिति में शामिल रखा। वही प्रशासकीय समिति नगर निगम का कामकाज संभाल रही थी। मगर, इधर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के मद्देनजर आदर्श चुनाव आचार संहिता के तहत चुनाव आयोग ने उक्त प्रशासकीय समिति को भंग कर दिया था। उसके बाद इधर नई सरकार बनते ही राज्य सरकार के पालिका मामलों के विभाग की ओर से पुन: प्रशासकीय समिति का गठन किया गया है। इस बार पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री व तृणमूल काग्रेस के वरिष्ठ नेता गौतम देव को प्रशासकीय समिति का चेयरमैन बनाया गया है। इसके साथ ही इस समिति में सिलीगुड़ी नगर निगम के निवर्तमान विपक्ष के नेता और तृणमूल काग्रेस के दाíजलिंग जिला अध्यक्ष रंजन सरकार, दाíजलिंग तृणमूल काग्रेस नेता अलोक चक्रवर्ती और एक हिंदी समाचार पत्र के कर्णधार विवेक बैद को उक्त प्रशासकीय समिति में सदस्य नियुक्त किया गया है। गौरतलब है कि इस बार विधानसभा चुनाव में डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल काग्रेस के उम्मीदवार रहे गौतम देव भाजपा के हाथों पराजित हुए हैं।

इधर, राज्य सरकार द्वारा उक्त प्रशासकीय समिति के गठन पर सिलीगुड़ी के निवर्तमान मेयर व प्रशासकीय समिति के चेयरमैन रहे अशोक भट्टाचार्य ने सवाल उठाया है। वहीं, सिलीगुड़ी नगर निगम के निवर्तमान माकपाई मेयर परिषद सदस्य और वार्ड संयोजक रहे, एवं वर्तमान में सिलीगुड़ी से नवनिर्वाचित भाजपाई विधायक शकर घोष ने भी ऐसी प्रशासकीय समिति के गठन पर सवाल खड़े किए हैं। उन दोनों का कहना है कि वैधानिक एवं नैतिक रूप में इस प्रकार से प्रशासकीय समिति का गठन सही नहीं है। नगर निगम के पूर्व निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को लेकर ही प्रशासकीय समिति गठित की जानी चाहिए थी। दूसरी ओर तृणमूल काग्रेस खेमे की ओर से कहा गया है कि आपात परिस्थिति में राज्य सरकार को यह विशेषाधिकार है कि वह किसी भी संस्था का संचालन अपने जिम्मे ले सकती है। अपने विवेकानुसार उसका संचालन कर सकती है। यह संविधान सम्मत व संविधान प्रदत्त अधिकार है। इस पर आपत्ति वास्तव में आपत्ति नहीं बल्कि राजनीति है। इससे हर किसी को बचना चाहिए। वर्तमान कोरोना आपदा का संकट भरा समय राजनीति नहीं बल्कि सेवा करने का समय है। इसी ओर सब को ध्यान देना चाहिए।

chat bot
आपका साथी