कोराना काल में लगाएं एलोवेरा और ऐरेका पामइस

-पौधा लगाने के साथ ही बचाने का भी लें संकल्प - साल भर में एक पेड़ से मुफ्त में 23 लाख का

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Jul 2020 08:53 PM (IST) Updated:Wed, 01 Jul 2020 08:53 PM (IST)
कोराना काल में लगाएं एलोवेरा और ऐरेका पामइस
कोराना काल में लगाएं एलोवेरा और ऐरेका पामइस

-पौधा लगाने के साथ ही बचाने का भी लें संकल्प

- साल भर में एक पेड़ से मुफ्त में 23 लाख का ऑक्सीजन

- सिर्फ सरकार व संस्था ही नहीं प्रत्येक व्यक्ति लगाए पौधा

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :

पूर्वोत्तर का प्रवेशद्वार है सिलीगुड़ी। यह शहर तथा पूरा क्षेत्र प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर है। इसी कारण अंग्रेजों के लिए भी यह पंसदीदा स्थान था। लेकिन अब प्रकृति का दोहन हो रहा है। इसमें वृक्षों की कटाई भी प्रमुख कारण माना जा रहा है। हांलाकि प्रत्येक वर्ष पौधरोपण किया जा रहा है। लेकिन पौधे लगाने भर से काम नहीं चलेगा,उसको बचाने का भी संकल्प लेना होगा।

दैनिक जागरण की मुहिम है कि पौधा लगाने से ज्यादा उसको बचाने पर ध्यान दें। पौधे अकूत संपदा के स्वामी हैं। एक पौधा जब पेड़ बन जाता है तो वह हर साल करोड़ों रुपए की ऑक्सीजन फ्री में देता है। ऑक्सीजन का अर्थशास्त्र हमें सोचने पर मजबूर करता है कि पौधे जीवन के लिए कितने उपयोगी हैं।

विकास की दौड़ में कंक्रीट के जंगलों का दायरा बढ़ रहा है। जबकि प्राकृतिक जंगल का दायरा तेजी से सिमट रहा है। व्यक्ति हरियाली खत्म करने में जरा भी नहीं सोचता। जबकि एक वयस्क पेड़ रोजाना औसतन 230 लीटर ऑक्सीजन उत्सíजत करता है। इस दौरान वह वातावरण में मौजूद 48 पाउंड कार्बन डाईऑक्साइड को अवशोषित भी करता है।

हर इंसान को चाहिए 550 लीटर ऑक्सीजन

सामाजिक वानिकी विभाग के रेंजर प्रशांत घोष का कहना है कि एक व्यक्ति को रोजाना 550 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है। इसे वह सास के जरिए लेता है। ऐसे में हर व्यक्ति को जीवित रहने के लिए कम से कम तीन वयस्क पौधों की दरकार होती है।

पीपल,नीम, बरगद और तुलसी जीवनदाता पेड़-पौधे हैं। ये सबसे अधिक मात्रा में ऑक्सीजन देते हैं। नीम, बरगद, तुलसी के पेड़ एक दिन में 20 घटों से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं। ऑक्सीजन बनाने का काम पेड़ की पत्तिया करती हैं। बताया जाता है कि पत्तिया एक घटे में 5 मिलीलीटर ऑक्सीजन बनाती हैं। इसलिए जिस पेड़ में ज्यादा पत्तिया होती हैं, वे पेड़ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन बनाता है।

जबकि विकास की अंधी दौड़ में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में ऑक्सीजन का बाजार भी सजने लगा है। फ्री में मिलने वाली ऑक्सीजन अब मंहगे रेट में बाजार में मौजूद है। ऑनलाइन कंपनिया 8500 रुपये में 750 लीटर ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करा रही है। ऐसे में एक व्यक्ति सालभर में 23 लाख रुपये की ऑक्सीजन खरीदेगा।

इन दिनों बढ़ते कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोग मास्क लगाने से लेकर खान-पान तक का पूरा ध्यान रख रहे हैं। शुद्ध हवा के लिए ऐसे पौधों की माग बढ़ती रही है जो एअर प्यूरीफायर यानी हवा को शुद्ध रखने का काम करते हैं। आइए जानतें हैं कौन से हैं वो पौधे है जो जहरीली हवाओं से निपटने में कारगर हैं। इन्हें लगाने से आपके घर का वातावरण साफ और शुद्ध रहेगा। एलोवेरा प्लाट बहुत गुणकारी होता है। एलोवेरा फॉर्मेल्डिहाइड जैसी हानिकारक गैस को दूर करता है। इसे लगाना बहुत आसान है। एलोवेरा सूर्य की किरणों को तेजी से ग्रहण करता है। इसके अलावा ऐरेका पामइस भी काफी लाभप्रद है। इन पौधों को लिविंग रूम प्लाट भी कहा जाता है। ये पौधे हवा से फार्मेल्डिहाइड, कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों को दूर कर शुद्ध ऑक्सीजन देता है। घर की हवाओं की शुद्धिकरण के लिए कम से कम इसके 4 पौधे लिविंग रूम में लगाएं।

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