भाजपा महासचिव विजयवर्गीय ने कहा- बंगाल में लॉकडाउन का पूरी तरह से नहीं हो रहा पालन

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का पालन नहीं होना बहुत ही चिंताजनक है। यह समय राजनीति करने की नहीं है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 12 Apr 2020 09:13 PM (IST) Updated:Mon, 13 Apr 2020 10:22 AM (IST)
भाजपा महासचिव विजयवर्गीय ने कहा- बंगाल में लॉकडाउन का पूरी तरह से नहीं हो रहा पालन
भाजपा महासचिव विजयवर्गीय ने कहा- बंगाल में लॉकडाउन का पूरी तरह से नहीं हो रहा पालन

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी की बंगाल ईकाई के प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को लॉकडाउन के प्रावधानों की धज्जियां उड़ाने की छूट देने का आरोप लगाया है। रविवार को उन्होंने कहा कि कोलकाता समेत राज्यभर में जितने भी मुस्लिम बहुल इलाके हैं वहां लॉकडाउन के प्रावधानों में पूरी तरह से छूट दी गई है। इससे हालात भयावह हो गए हैं।

लॉकडाउन का पालन नहीं होने से केंद्र की ममता सरकार को चेतावनी

बता दें, एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को सख्त चेतावनी दी है कि कोलकाता समेत राज्य के कई हिस्सों में मजहबी जलसों की छूट दी गई है और लॉकडाउन के प्रावधानों का भी पालन नहीं हो रहा है। ऐसा होने पर कार्रवाई का प्रावधान बनता है। इसके बाद रविवार को विजयवर्गीय ने मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित अपने आवास से बंगाल के सांसदों व पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बातचीत की।

राज्यपाल ने कहा- लॉकडाउन का पालन नहीं होना बहुत ही चिंताजनक

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी ममता सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा यहां लॉकडाउन का पालन नहीं होना बहुत ही चिंताजनक है। यह समय राजनीति करने की नहीं है। मुख्यमंत्री को राजनीति से ऊपर उठकर अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।

चाय प्रबंधकों ने कम श्रमिकों से काम कराने पर जताई चिंता

बंगाल में सरकारी निर्देश के बाद तराई-डुआर्स समेत विभिन्न बागानों में 25 प्रतिशत श्रमिकों के साथ रविवार से काम शुरू हो गया। लेकिन 25 प्रतिशत श्रमिक के साथ स्प्रे, स्किपिंग, फैक्ट्री चलाने समेत अन्य कार्य कराने को लेकर चाय प्रबंधकों को समस्याएं हो रही है।

लॉकडाउन के कारण उत्तर बंगाल के चाय उद्योग बंद

लॉकडाउन के कारण उत्तर बंगाल के चाय उद्योगों को बंद कर दिया गया था। इसमें सैकड़ों बड़े चाय बागान भी शामिल हैं। लेकिन प्रबंधकों की ओर से कहा गया था कि बागान बंद हो जाने पर अगर चायपत्ती नहीं तोड़ा जा सका तो छंटाई करनी होगी। यही कारण है कि बंगाल सरकार ने 15 प्रतिशत श्रमिकों से चाय बागान के देखरेख का काम शुरू करने का निर्देश दिया। फिर बाद में मालिकों के कहने पर इसे 25 फीसद कर दिया गया। परंतु अब 25 प्रतिशत श्रमिक से भी बड़े चाय बागानों में काम नहीं हो पा रहा है।

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