जाको राखे साइयां मार सके न कोय, घर लाते ही मरीज कोमा से बाहर

जाको राखे साइयां मार सके ना कोय। यह उक्ति अक्षरशः सही साबित हुई। एक सड़क दुर्घटना में घायल कोमा में आए युवक के इलाज के लिए पर्याप्त पैसे न होने से घर लाते ही कोमा से बाहर आ गया।

By Rajesh PatelEdited By: Publish:Tue, 27 Nov 2018 10:44 AM (IST) Updated:Tue, 27 Nov 2018 10:44 AM (IST)
जाको राखे साइयां मार सके न कोय, घर लाते ही मरीज कोमा से बाहर
जाको राखे साइयां मार सके न कोय, घर लाते ही मरीज कोमा से बाहर
जलपाईगुड़ी [जागरण संवाददाता]। मरीज कोमा में है। उसके इलाज में काफी खर्च आएगा। पैसे के अभाव में परिवारवाले मरीज को नर्सिंग होम में भर्ती नहीं कराकर घर ले आए, लेकिन घर लाते ही मानो चमत्कार हो गया। मरीज कोमा से बाहर आ गया। इसके बाद परिवार वालों ने फिर उसे अस्पताल में भर्ती कराया। यह घटना मयनागुड़ी के चूड़ा भंडार इलाके में हुई है। मरीज का नाम देवाशीष राय (22) बताया गया।
मिली जानकारी के अनुसार गत शनिवार को 31 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाझांगी इलाके में युवक बाइक हादसे का शिकार हुआ था। दुर्घटना के तुरंत बाद उसे मयनागुड़ी के चूड़ा भंडार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। यहां हालत नाजुक होने की वजह से चिकित्सकों ने उसे जलपाईगुड़ी जिला अस्पताल रेफर कर दिया था। यहां भी इलाज न हो पाने के चलते उसे फिर उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन मेडिकल में देवाशीष का उचित इलाज नहीं हो पा रहा था। इस कारण परिवार वालों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए सिलीगुड़ी के विभिन्न नर्सिंग होम में जाने की कोशिश की।
यहां पर चिकित्सकों ने इलाज के लिए काफी पैसा मांगा। साथ ही स्वस्थ होने की भी गारंटी नहीं दी गई। इस कारण देवाशीष को वापस घर ले आया गया। घर आने के बाद ही फिर एक बाद देवाशीष कोमा से बाहर आ गया। इसके बाद फिर उसे मयनागुड़ी चूड़ा भंडार स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। यहां देवाशीष का इलाज चल रहा है। मयनागुड़ी ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी लकी देवान ने कहा कि मामले के बारे में जांच की जा रही है।  
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