बंद में फंसे हजारों विद्यार्थियों ने पहाड़ छोड़ा

- दार्जिलिंग, कलिम्पोंग व कर्सियांग मिलाकर करीब पांच हजार विद्यार्थी फंसे हुए थे - विद्यार्थी य

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jun 2017 09:09 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jun 2017 09:09 PM (IST)
बंद में फंसे हजारों विद्यार्थियों ने पहाड़ छोड़ा
बंद में फंसे हजारों विद्यार्थियों ने पहाड़ छोड़ा

- दार्जिलिंग, कलिम्पोंग व कर्सियांग मिलाकर करीब पांच हजार विद्यार्थी फंसे हुए थे

- विद्यार्थी युवा मोर्चा ने विद्यार्थियों को चेक करके टोकन देकर किया रवाना

- स्कूली बच्चों के लिए वाहनों का आवागमन जारी रहा

जेएनएन, दार्जिलिंग/कर्सियांग/कालिम्पोंग : गोजमुमो द्वारा आहूत अनिश्चितकालीन दार्जिलिंग पहाड़ बंद जारी है। बंद को लेकर अधिकांश पर्यटक पहाड़ छोड़ चुके है। इस बीच हजारों की संख्या में बंद को लेकर दार्जिलिंग, कालिम्पोंग व कर्सियांग में फंसे हुए थे। गोजमुमो की ओर से शुक्रवार को पहाड़ छोड़ने के लिए विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को 12 घंटे की छूट दी गई थी। इस दिन छूट मिलने के कारण विद्यार्थियों को ले जाने के लिए अभिभावकों के वाहनों का आवागमन जारी रहा। इस दौरान यहा के विभिन्न बोर्डिग स्कूलों में रहनेवाले काफी तादाद में छात्र-छात्राएं अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान किये। दार्जिलिंग, कर्सियांग व कालिम्पोंग में इस प्रकार का नजारा देखा गया। वाहनों के अभाव में कई अभिभावकों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ा। इसी बीच आवश्यककार्य को लेकर सिलीगुड़ी व दार्जिलिंग की ओर जानेवाले लोगों को भी खूब परेशानियों का सामना करना पड़ा।

कई लोग उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगम (एनबीएसटीसी) के बसों में जगह नहीं होने के बावजूद खचाखच भीड़ में सवार होते दिखे।

वही कालिम्पोंग में इसी प्रकार का नजारा देखा गया। स्कूलों व बोर्डिग में फंसे बच्चों को कालिम्पोंग के साथ सिक्किम से भी अभिभावक लाते हुए दिखे। बंद के दौरान उत्तर बंग परिवहन विभाग की ओर से स्कूली बच्चों के लिए अतिरिक्त बसों का इंतजाम किया गया था। सुबह नौ बजे से थानाडांडा परिसर से लोग अपने बच्चों को लेकर समतल की ओर रवाना होते देखे गए। इस बीच डंबर चौक में लोग जमाकर होकर बंगाल सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे एवं सरकार के खिलाफ व्यापक रूप से पोस्ट¨रग की। इसके बाद लोगों ने मिलकर शहर में रैली निकाला, जो शहर की परिक्रमा करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया।

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