गोरखालैंड की मांग पर साथ : पवन चामलिंग

संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : सिक्किम व दार्जिलिंग के निवासियों के बीच खून का रिश्ता है। आपसी मतभेदों

By Edited By: Publish:Sun, 19 Apr 2015 08:31 PM (IST) Updated:Sun, 19 Apr 2015 08:31 PM (IST)
गोरखालैंड की मांग पर साथ : पवन चामलिंग

संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : सिक्किम व दार्जिलिंग के निवासियों के बीच खून का रिश्ता है। आपसी मतभेदों को परे रखकर स्थानीय समस्याओं के लिए हमें मिलकर काम करना चाहिए। एक गोरखा होने के नाते गोरखाओं के हित को प्रत्येक संघर्ष में सदैव साथ रहूंगा। गोरखालैंड की मांग पर भी साथ हूं। उक्त उद्गार सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने व्यक्त किए। वे रविवार को स्थानीय गोरखा रंगमंच भवन में जीटीए व हाम्रो स्वाभिमान ट्रस्ट की ओर से आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।

गोरखालैंड गठन के लिए सिक्किम विधानसभा से पारित कराकर केंद्र सरकार को पूर्व में ही भेजे प्रस्ताव की प्रति दिखाते हुए उन्होंने राज्य समर्थक दलों से एकजुट होकर इस प्रस्ताव के आधार पर ही केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का आह्वान किया। चामलिंग ने कहा कि जहां भी जब भी मौका मिला, हमेशा ही गोरखालैंड की वकालत की। छोटे राज्य का मुख्यमंत्री होने के नाते केंद्र सरकार पर ज्यादा दबाव बनाने में असमर्थ रहने की बात स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के साथ रिश्तों का भी ख्याल रखना पड़ता है। राज्य गठन की मांग को संवैधानिक करार देते हुए पड़ोसी राज्य के मुख्यमंत्री ने गोजमुमो से सभी दलों को साथ लेकर मुहिम चलाने की सलाह दी व कहा कि दार्जिलिंग कभी सिक्किम का भू-भाग था या अन्य ऐतिहासिक पहलुओं को ढूंढने की बजाय हमें गोरखाओं के राज्य गोरखालैंड गठित कराकर इतिहास बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने राज्य गठन की कामना के साथ शुभकामनाएं भी दीं। इससे पूर्व जीटीए प्रमुख विमल गुरुंग, योग गुरू बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने चामलिंग को काष्ठ निर्मित उनकी प्रतिमा भेंटकर सम्मानित किया। वहीं हाम्रो स्वाभिमान अ्रस्अ की ओर से भी उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।

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