मौसम की दुश्वारी पर्वतारोहियों पर भारी, बगैर आरोहण के लौट रहे दल

उच्च हिमालयी क्षेत्र में मौसम की दुश्वारी पर्वतारोहियों पर भारी पड़ रही है। तीन पर्वतारोही दल बिना चोटियों का आरोहण किए ही वापस लौट आए हैं।

By BhanuEdited By: Publish:Fri, 01 Jun 2018 01:35 PM (IST) Updated:Sat, 02 Jun 2018 05:02 PM (IST)
मौसम की दुश्वारी पर्वतारोहियों पर भारी, बगैर आरोहण के लौट रहे दल
मौसम की दुश्वारी पर्वतारोहियों पर भारी, बगैर आरोहण के लौट रहे दल

उत्तरकाशी, [जेएनएन]: उच्च हिमालयी क्षेत्र में मौसम की दुश्वारी पर्वतारोहियों पर भारी पड़ रही है। इस वर्ष मई के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर कर बर्फबारी हुई है। इसके चलते तीन पर्वतारोही दल बिना चोटियों का आरोहण किए ही वापस लौट आए हैं। 

एवरेस्ट विजेता विष्णु सेमवाल बताते हैं कि वह बीते डेढ़ दशक से पर्वतारोहण कर रहे हैं। लेकिन, उच्च हिमालय में इस वर्ष मई जैसी बर्फबारी बीते वर्षों में कभी नहीं हुई। 

एवरेस्ट विजेता सेमवाल के अनुसार इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के पर्वतारोही दलों के साथ वे केदारडोम चोटी के आरोहण के लिए गए थे। लेकिन, भारी बर्फबारी के चलते उन्हें 18 मई को 6000 मीटर की ऊंचाई से वापस लौटना पड़ा। हां, पर्वतारोहियों ने पहली बार 6000 मीटर की ऊंचाई से स्कीइंग जरूर की। 

वहीं, 6512 मीटर ऊंची भागीरथी-दो चोटी के आरोहण के लिए 15 मई को रवाना हुआ पर्वतारोहियों का आठ-सदस्यीय दल भी मौसम बिगडऩे के कारण आगे रोप नहीं बांध पाया। 

माउंट सपोर्ट ट्रैकिंग एजेंसी से जुड़े आयुष राणा बताते हैं कि इस दल के चार सदस्य 6270 मीटर की ऊंचाई तक चले गए थे। लेकिन, आगे स्थितियां अनुकूल न होने के कारण 30 मई को वापस लौट आए। इसी तरह रूस के दो पर्वतारोहियों का दल सतोपंथ चोटी के आरोहण को गया था। 

इन पर्वतारोहियों को एल्पाइन पद्धति से सतोपंथ का आरोहण करना था। इस पद्धति में पर्वतारोहियों को खुद ही रोप बांधकर आगे बढ़ना पड़ता है। दल के संचालक विशन सिंह नेगी ने बताया के सतोपंथ चोटी के आरोहण के दौरान मौसम काफी खराब हो गया था। नतीजा, दल 28 मई को वापस लौट आया।

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