विष्णु ने शुरू की शिव¨लग की परिक्रमा

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा चुके पर्वतारोही विष्णु सेमव

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Sep 2018 10:14 PM (IST) Updated:Sat, 15 Sep 2018 10:14 PM (IST)
विष्णु ने शुरू की शिव¨लग की परिक्रमा
विष्णु ने शुरू की शिव¨लग की परिक्रमा

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा चुके पर्वतारोही विष्णु सेमवाल शनिवार को शिव¨लग शिखर की परिक्रमा के लिए निकल पड़े हैं। पहली बार आयोजित हो रहे इस शिव¨लग परिक्रमा अभियान का निम (नेहरू पर्वतारोहण संस्थान) के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने फ्लैग ऑफ कर शुभारंभ किया। उन्होंने ने कहा कि शिव¨लग हिमशिखर की यह परिक्रमा कैलास-मानसरोवर की तरह रोमांच के साथ ही धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। गंगोत्री हिमालय में गोमुख के शीर्ष पर स्थित भगवान शिव के सबसे बड़े ¨लग शिव¨लग हिमशिखर (6543 मीटर) की परिक्रमा का यह पहला प्रयास है। इसके लिए इंडियन माउंटेनिय¨रग फाउंडेशन ने भी विष्णु सेमवाल को अनुमति दे दी है।

निम में आयोजित फ्लैग ऑफ कार्यक्रम में निम के प्रधानाचार्य अमित बिष्ट, हिमालय माउंटेनिय¨रग एंड ट्रै¨कग एसोसिएशन व होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पर्वतारोही विष्णु सेमवाल को शुभकामनाएं दी। उत्तरकाशी निवासी 34-वर्षीय विष्णु सेमवाल ने बताया कि वे पिछले पांच साल से शिव¨लग शिखर परिक्रमा की तैयारी कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने दो बार रैकी भी की। इस परिक्रमा में भागीरथी ग्रुप की तीन चोटियां, खर्चकुंड, केदारडोम, चौखंभा ग्रुप की चार चोटियां, कीर्ति स्तंभ, थले सागर, भृगु पत्थर, जोगिन ग्रुप की तीन चोटियां, श्रीकैलास, सुदर्शन, थैलू कोटेश्वर, मात्री व मेरू ग्रुप की तीन चोटियों का भी दीदार होगा।

बताया कि भोजवासा परिक्रमा गोमुख से तपोवन, खड़ा पत्थर, कीर्ति ग्लेशियर, मेरू ग्लेशियर से नील ताल व तपोवन होते हुए गोमुख भोजवासा में समाप्त होगी। परिक्रमा में 12 से 15 दिन लगेंगे। यह ट्रैक समुद्र सतह से करीब 5500 मीटर की ऊंचाई से होकर गुजरेगा। इससे मेरू पर्वत (6660 मीटर) आरोहण का साउथ फेस वाला रास्ता भी खुलेगा। बताया कि पहली बार में यह परिक्रमा एल्पाइन तरीके से होगी। जिसमें खुद ही रास्ते का चयन और रस्सी बांधनी पड़ती हैं। इस अभियान में विष्णु के साथ निर्मल ¨सह , शैलेश सेमवाल व प्रेम ¨सह भी शामिल हैं। इस मौके पर हिमालय माउंटेनिय¨रग एंड ट्रै¨कग एसोसिएशन के अध्यक्ष जयेंद्र पंवार, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा, दीपेंद्र पंवार सहित कई लोग मौजूद थे।

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विष्णु सेमवाल एवरेस्ट सहित 25 से अधिक चोटियों का आरोहण करने के साथ ही क्रॉस द हिमालय की सफल ट्रै¨कग भी कर चुके हैं। बताते हैं कि वह एक बार माउंट एवरेस्ट, सात बार सतोपंथ चोटी, श्रीकैलास व गंगोत्री-तृतीय, दो-दो बार जोगिन-प्रथम व द्वितीय, पांच-पांच बार केदारडोम व भागीरथी-द्वितीय, तीन-तीन बार गंगोत्री-प्रथम व शिव¨लग और एक-एक बार थौलू, कोटेश्वर, मां-बेटी, फ्रेंडशिप, सेतीधार प्रिय दर्शनी का आरोहण कर चुके हैं। वर्ष 2010 में नेपाल से लेकर लेह-लद्दाख तक उन्होंने लगातार छह माह तक ट्रै¨कग की। इसे क्रॉस द हिमालय कहते हैं। इसी तरह से मल्ली मस्ताना बाबू के साथ 45 दिन में चारों धाम का भ्रमण हिमालयी ट्रैक से किया।

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