धरातल पर नहीं उतरा सड़क से जुड़ने का सपना

संवाद सूत्र, पुरोला : दो दशक पूर्व हिमाचल व उत्तराखंड सरकार की मोरी व हिमाचल के आधा दर्जन सीमांत गां

By Edited By: Publish:Wed, 22 Oct 2014 08:08 PM (IST) Updated:Wed, 22 Oct 2014 08:08 PM (IST)
धरातल पर नहीं उतरा सड़क से जुड़ने का सपना

संवाद सूत्र, पुरोला : दो दशक पूर्व हिमाचल व उत्तराखंड सरकार की मोरी व हिमाचल के आधा दर्जन सीमांत गांव को मोटर मार्ग से जोड़ने की मुहिम सर्वे होने तक ही फाइलों में सिमट कर रह गई। उत्तर प्रदेश के समय से चांगसील में दो बार हुई दोनों सूबे के सचिव-डीएम स्तर की वार्ता व सर्वे के प्रस्ताव पर आज तक अमल नहीं हो सका।

दो राज्यों के पिछड़े इलाकों को जोड़कर विकास की मुख्यधारा में लाने की इस योजना का सूत्रपात 1998 में हुआ था। दोनों राज्यों के बीच हिमाचल डोडारा तहसील के 13 गांवों और मोरी प्रखंड के सुदूर क्षेत्र के पांच गांवों को सड़क से जोड़ने को शिमला व उत्तरकाशी के डीएम के बीच बैठक भी हुई। इसके बाद 2003 में दोनों सरकारों के बीच चांगसील पर हुई बैठक में मार्ग के निर्माण से दोनों प्रदेशों के 16 सीमांत गांवों को सड़क से जोड़ने, चांगसील, देवक्यारा, हरकीदून पर्यटन स्थलों तक सुगमता से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाने को लेकर संयुक्त सर्वे में सेवा-दागीधार चार किमी, उत्तराखंड व दागीधार-घुरांग पांच किमी तक हिमाचल सरकार की सड़क निर्माण पर सहमति बनी। लेकिन, यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी। इस योजना से हिमाचल प्रदेश के पिछड़े क्षेत्र के डोडरा, क्वार, डोडराडी, बोखसेर, तधार, पुजेली, जाखा, पडार, कितरडी, धंधवाड़ी सहित किन्नौर व सांगलघाटी के दो दर्जन गांव लाभान्वित होते। साथ ही उत्तरकाशी जनपद के मोरी के सुदूरवर्ती गांव बरी, खना, मसरी, भीतरी, ग्वाल गांव व खन्यासणी भी सड़क सुविधा से जुड़ जाते।

मोरी व डोडरा क्वार को सड़क से जोड़ने को धोला गार्डर पुल स्वीकृत है व बरी तक आठ किमी सड़क बन गई है। डोडरा के पास आलीगाड़ पुल व आगे चार किमी रोड का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

राजकुमार पांडे, एसडीएम, पुरोला

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