पहले आपदा और अब तंत्र की बेरुखी

संवाद सूत्र, पुरोला : वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा में गौरीकुंड से लापता खच्चरों का मुआवजा न

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Dec 2018 06:58 PM (IST) Updated:Mon, 17 Dec 2018 06:58 PM (IST)
पहले आपदा और  अब तंत्र की बेरुखी
पहले आपदा और अब तंत्र की बेरुखी

संवाद सूत्र, पुरोला : वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा में गौरीकुंड से लापता खच्चरों का मुआवजा न मिलने से परेशान बेष्ठी गांव निवासी जगमोहन ¨सह पिछले पांच साल से मुआवजा के लिए भटक रहा है। शासन-प्रशासन से सुनवाई न होने के बाद पीड़ित खच्चर मालिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजकर मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई है।

आपदा पीड़ित बेष्टी गांव निवासी जगमोहन ¨सह पुत्र श्याम ¨सह ने ज्ञापन में कहा है कि 17 जून 2013 को गौरीकुंड में बाढ़ एवं भूस्खलन से उसके दो खच्चर लापता हो गए थे। इस घटना में उन्होंने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई थी। कहा उन्होंने खच्चरों के लापता होने की रिपोर्ट पटवारी चौकी सुनाली में दर्ज करा दी थी। राजस्व उपनिरीक्षक से जांच कराकर तहसीलदार पुरोला ने जिला पंचायत रुद्रप्रयाग की ओर से जारी किए गए खच्चरों के लाइसेंस टोकन नंबर 4324, 4325 सहित जांच रिपोर्ट उपजिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को प्रेषित कर दी थी, लेकिन उसे अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। कहा इस संबंध में जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। कहा उस समय जिलाधिकारी ने भी मामले की जांच कर गौरीकुंड आपदा में खच्चर बहने की पुष्टि की थी। जगमोहन ने कहा कि खच्चरों का मुआवजा न मिलने के कारण उसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है। अब वह मजदूरी कर किसी तरह से अपने बच्चों की परवरिश कर रहा है। तहसीलदार माधोराम शर्मा ने बताया कि मामला रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन का है मुआवजा वहीं से मिलना है। इसके लिए पत्र भी लिखा जा चुका है।

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