अलग-अलग समय पर विराजित होंगे कांडार और हरिमहाराज

पौराणिक माघ मेले (बाड़ाहाट का थौलू) को लेकर कोतवाली पुलिस ने अपना त्योहार रजिस्टर खोला है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Jan 2021 09:44 PM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2021 09:44 PM (IST)
अलग-अलग समय पर विराजित  होंगे कांडार और हरिमहाराज
अलग-अलग समय पर विराजित होंगे कांडार और हरिमहाराज

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : पौराणिक माघ मेले (बाड़ाहाट का थौलू) को लेकर कोतवाली पुलिस ने अपना त्योहार रजिस्टर खोला है। रजिस्टर में दर्ज कार्यक्रम के अनुसार ही अलग-अलग समय पर चमाला की चौंरी में देवता विराजमान रहेंगे। इस मौके पर उपजिलाधिकारी देवेंद्र नेगी की अध्यक्षता में बाड़ागड़ी और बाड़ाहाट पट्टी के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। कोतवाली प्रभारी महादेव उनियाल ने बताया कि बैठक में तय किया गया कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर सुबह दस बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक चमाला की चौंरी में कंडार देवता विराजमान रहेंगे। दो बजे से लेकर शाम पांच बजे तक हरि महाराज का ढोल, नागदेवता और खंडद्वारी देवी विराजमान रहेंगे। जबकि 16 और 17 जनवरी को हरि महाराज केवल तीन-तीन घंटे तक चमाला की चौंरी में विराजमान होंगे। इस पर दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की।

दरअसल बीते वर्ष मकर संक्रांति के पर्व पर स्नान के बाद बाड़ाहाट के ग्रामीणों ने कंडार देवता की डोली चमाला की चौंरी में तैयार किए गए चबूतरे में स्थापित की गई। उसकी दौरान बाड़ागड़ी के ग्रामीण चमाला की चौंरी में पूजा करने के लिए हरि महाराज का ढोल, नागदेवता और खंडद्वारी देवी की डोली लेकर पहुंचे। चबूतरे में विराजमान होने और चबूतरे से हटाने को लेकर विवाद हुआ।

यह विवाद 24 घंटे तक चला था। प्रशासन की मौजूदगी में किसी तरह से विवाद का निपटारा हुआ। जिसमें यह तय हुआ कि चमाला की चौंरी में कंडार देवता और हरिमहाराज अलग-अलग समय पर पूजा करेंगे। इसके लिए दोनों पक्ष आपस में पहले समय भी तय करेंगे। इसके अलावा हर वर्ष 10 जनवरी को आपसी सौहार्द बनाए रखने के लिए दोनों पट्टियों के गणमान्य प्रतिनिधियों की बैठक प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में होगी। इसको पुलिस ने अपने त्योहार रजिस्टर में भी बाड़ागड़ी-बाड़ाहाट विवाद नाम से दर्ज किया था। इसमें पूरे विवाद का पुलिस प्रशासन ने एक रिकॉर्ड तैयार किया है। रविवार को दोनों पट्टियों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई गई तथा समय तय किया गया। जिससे विवाद की स्थिति न बने।

बैठक में केएस चौहान, प्रद्युमन नौटियाल, शंभू सिंह पंवार, अवतार सिंह पंवार, संदीप सेमवाल, मनोज पंवार आदि मौजूद थे।

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