मुखवा-जांगला की बीच हिमखंड आने से भागीरथी का प्रवाह आंशिक बाधित

जागरण संवाददाता उत्तरकाशी ऊंचाई वाले इलाकों में इस बार हुए भारी हिमपात ने हिमखंडा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 30 Mar 2019 12:02 AM (IST) Updated:Sat, 30 Mar 2019 12:02 AM (IST)
मुखवा-जांगला की बीच हिमखंड आने से भागीरथी का प्रवाह आंशिक बाधित
मुखवा-जांगला की बीच हिमखंड आने से भागीरथी का प्रवाह आंशिक बाधित

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: ऊंचाई वाले इलाकों में इस बार हुए भारी हिमपात ने हिमखंडों को भी सक्रिय कर दिया है। शुक्रवार को मुखवा और जांगला के बीच हिमखंड आने से मुखवा-जांगला पैदल मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। साथ ही भागीरथी का प्रवाह भी आंशिक रूप से बाधित हुआ। शुक्रवार को गंगोत्री से लौट रहे ट्रैकिग से जुड़े तिलक सोनी ने बताया कि मुखवा और जांगला के बीच पहाड़ी से भारी हिमखंड गिरे हैं। वहीं, गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक एनबी शर्मा ने बताया कि इस बार काफी अधिक बर्फबारी हुई है और धूप खिलने व तापमान बढ़ने पर हिमखंड नीचे की ओर खिसक रहे हैं। गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में भी इस तरह का खतरा बना हुआ है।

जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 80 किमी दूर मुखवा और जांगला के बीच शुक्रवार तीसरे पहल भारी हिमखंड आ गिरे। इससे मुखवा-जांगला पैदल मार्ग बंद हो गया है। गंगोत्री धाम के कपाट खुलने पर इसी मार्ग से गंगा की डोली यात्रा मुखवा से गंगोत्री पहुंचती है। हालांकि, अभी गंगोत्री के कपाट खुलने में एक माह से अधिक का समय बचा है। लेकिन, हिमखंडों का इस तरह से सक्रिय होना खतरे से खाली नहीं है। गंगोत्री हाइवे पर भी इस सीजन में पांच से अधिक बार हिमखंड आ चुके हैं। जिन्हें बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) की टीम ने हटाकर हाइवे को खोला। गंगोत्री से 18 किमी पहले चांगथांग के पास तो इस कदर हिमखंड आ गए कि बीआरओ की टीम को उन्हें काटकर हाइवे खोलना पड़ा।

शुक्रवार को गंगोत्री से लौट रहे ट्रैकिग व्यवसायी तिलक सोनी ने बताया कि जब वे गंगोत्री से लौट रहे थे, तभी उन्होंने हिमखंड गिरने का नजारा देखा। एक बड़ा हिमखंड भागीरथी में भी गिरा, जिससे भागीरथी का प्रवाह भी कुछ देर के लिए आंशिक रूप से प्रभावित हुआ।

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