मास्साब अंग्रेजी में फिसड्डी

By Edited By: Publish:Thu, 31 Jul 2014 04:19 PM (IST) Updated:Thu, 31 Jul 2014 04:19 PM (IST)
मास्साब अंग्रेजी में फिसड्डी

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी: जिले में शिक्षा विभाग को ढूंढे भी अंग्रेजी में दक्ष शिक्षक नहीं मिल पा रहा है। जिले के सात सौ से भी ज्यादा प्राथमिक स्कूलों में तैनात करीब साढ़े तेरह सौ शिक्षकों में से एक भी शिक्षक खुद को अंग्रेजी पढ़ाने के काबिल नहीं समझ रहा है। अंग्रेजी माध्यम के लिए जिलेभर से एक भी प्रस्ताव न आने का यही मतलब निकाला जा रहा है।

दरअसल, शिक्षा विभाग राज्य के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने की कवायद में है। मॉडल के तौर पर कुछ विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित किया जाना है। इसके लिए अंग्रेजी में दक्ष शिक्षकों से आवेदन मांगे गए हैं, लेकिन जिले के 769 प्राथमिक स्कूलों में तैनात 1361 शिक्षक खुद को अंग्रेजी पढ़ाने के लायक नहीं समझते। लिहाजा जिले के पांच प्राथमिक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने की योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है। हालांकि जिले में दो प्राथमिक विद्यालय अंग्रेजी माध्यम से संचालित हो रहे हैं। इस वर्ष अप्रैल में पांच प्राथमिक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने की योजना के तहत विभाग ने खंड शिक्षा अधिकारियों को अंग्रेजी माध्यम से विद्यालय संचालित करने के इच्छुक शिक्षकों के प्रस्ताव मांगे थे। इसमें शिक्षकों को प्रस्ताव देने थे। प्रस्ताव अप्रैल अंत तक विभाग के पास पहुंचने थे। इसके बाद राज्य स्तर पर लिखित परीक्षा के बाद अर्ह शिक्षकों के स्कूल इस सत्र से पहली कक्षा में अंग्रेजी माध्यम से शुरू करवाए जाने थे। शिक्षकों से प्रस्ताव मांगे चार महीने बीत गए, लेकिन विभाग को एक भी शिक्षक का प्रस्ताव अब तक नहीं मिला। वहीं, शैक्षणिक सत्र को शुरू हुए भी चार महीने बीत चुके हैं। ऐसे में इस सत्र में अंग्रेजी माध्यम से स्कूल शुरू करने की योजना खटाई में है।

पहले दो ही शिक्षक मिले थे योग्य

बीते साल भी शिक्षा विभाग ने विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने के शिक्षकों से प्रस्ताव मांगे थे। जिलेभर से आए प्रस्तावों के बाद शिक्षकों की परीक्षा आयोजित हुई। इसमें दो ही शिक्षक अंग्रेजी पढ़ाने के योग्य पाए गए। लिहाजा जिले में प्राथमिक स्कूल भड़कोट व सौड़ में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दी जा रही है।

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शिक्षकों से खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से प्रस्ताव मांगे थे, लेकिन अब तक कोई प्रस्ताव नहीं आया। अभी भी प्रस्ताव आए तो इसी सत्र से अंग्रेजी पाठ्यक्रम शुरू हो सकेगा।

- राय साहब यादव, जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) उत्तरकाशी

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