गर्भवती को नहीं मिली एंबुलेंस, सूमो वाहन में हुआ प्रसव

उत्तरकाशी जिले में 108 की एंबुलेंस न मिलने पर मातली क्षेत्र की एक प्रसव पीड़िता ने निजी वाहन से अस्पताल लाते वक्त तांबाखाणी सुरंग के अंदर वाहन में ही बच्चे को जन्म दिया।

By BhanuEdited By: Publish:Mon, 19 Jun 2017 02:45 PM (IST) Updated:Mon, 19 Jun 2017 04:47 PM (IST)
गर्भवती को नहीं मिली एंबुलेंस, सूमो वाहन में हुआ प्रसव
गर्भवती को नहीं मिली एंबुलेंस, सूमो वाहन में हुआ प्रसव

उत्तरकाशी, [जेएनएन]: पर्वतीय अंचलों में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सिस्टम की बेरुखी भारी पड़ने लगी है। रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लाक में एक एएनएम सेंटर में एएनएम के प्रसव कराने से इनकार करने पर प्रसव पीडि़ता ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया। वहीं, जनजातीय जौनसार बावर क्षेत्र के त्यूणी अस्पताल में डॉक्टर न होने से 108 सेवा की एंबुलेंस में प्रसव कराना पड़ा। अब उत्तरकाशी जिले में 108 की एंबुलेंस न मिलने पर मातली क्षेत्र की एक प्रसव पीड़िता ने निजी वाहन से अस्पताल लाते वक्त तांबाखाणी सुरंग के अंदर वाहन में ही बच्चे को जन्म दिया। 

ल्वारका धौंतरी निवासी विपिन की पत्नी संतोषी इन दिनों अपने मायके मातली आई हुई है। गत सुबह करीब पांच बजे उसे प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने 108 सेवा को फोन किया तो जवाब मिला कि एंबुलेंस खराब है। इससे परिजनों की चिंता बढ़ गई। 

वे निजी वाहन की तलाश में प्रसव पीडि़ता को लेकर गंगोत्री हाइवे पर पहुंचे। काफी इंतजार के बाद देहरादून से अखबार लेकर आ रही सूमो नजर आई। सड़क पर प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को देख वाहन चालक विशाल डोभाल ने सूमो रोकी और प्रसव पीडि़ता को वाहन में बिठाया।

ताबांखाणी सुरंग में पहुंचते ही संतोषी देवी ने वाहन में ही बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद उसे यहां जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इससे पहले, शनिवार को मोरी ब्लाक में भी ऐसा ही वाकया हुआ। दणगाण गांव निवासी उपेंद्र पंवार की पत्नी अंशिका को प्रसव पीड़ा होने पर उसे अस्पताल ले जाने के लिए 108 की एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हुई। 

प्रसव पीड़िता को एक निजी वाहन से मोरी लाया गया, लेकिन वहां अस्पताल में सुविधाएं न होने का हवाला देते हुए चिकित्सकों ने उसे पुरोला ले जाने को कहा। 

इसके लिए मोरी में स्वास्थ्य विभाग का कोई वाहन नहीं मिल पाया। फिर परिजनों ने एक निजी वाहन की व्यवस्था की। पुरोला ले जाते वक्त महिला ने वाहन में ही बच्चे को जन्म दिया।

भले ही दोनों मामलों में जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं, मगर इन घटनाओं ने पहाड़ की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। उधर, उत्तरकाशी के प्रभारी सीएमओ (मेजर) डॉ. बचन सिंह रावत के मुताबिक लगातार दो स्थानों से 108 सेवा की एंबुलेंस न मिलने की शिकायतें आई हैं। इन मामलों का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई के लिए निदेशालय को पत्र लिखा जा रहा है।

उधर, 108 सेवा के स्टेट हेड मनीष टिंकू ने बताया कि मातली क्षेत्र की एंबुलेंस सर्विस के लिए गई है। भटवाड़ी व धरासू क्षेत्र की एंबुलेंस ही इस इलाके को कवर कर रही हैं। जिस वक्त फोन आया, दोनों एंबुलेंस दूसरी जगह व्यस्त थीं। उन्होंने बताया कि मोरी क्षेत्र में एंबुलेंस क्यों नहीं मिल पाई, इसकी पड़ताल कराई जा रही है।

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