आइपीएल में चयन के नाम पर भेड़पालक से ठगे 70 लाख रुपये, जानिए पूरा मामला
आइपीएल की क्रिकेट टीमों में बेटे का चयन कराने के नाम पर दो सगे भाइयों ने एक भेड़ पालक से 70 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
उत्तरकाशी, जेएनएन। इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) की क्रिकेट टीमों में बेटे का चयन कराने के नाम पर दो सगे भाइयों ने एक भेड़ पालक से 70 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित का कहना है कि बेटे के भविष्य की खातिर उसने अपनी भेड़-बकरियां बेचकर व रिश्तेदारों कर्ज लेकर इस रकम का इंतजाम किया था। पुलिस ने आरोपित सगे भाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। यह भी पता चला है कि आरोपितों ने क्षेत्र के कुछ और लोगों से उनके बच्चों के आइपीएल में चयन कराने का झांसा देकर रकम ली हुई है, हालांकि अभी तक इनमें से किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
उत्तरकाशी जिले के मोरी विकासखंड के लिवाड़ी गांव निवासी हाकम सिंह ने पुरोला थाने में इस संबंध में तहरीर दी थी। इसमें खलाड़ी गांव निवासी दो सगे भाईयों अंकित रावत और संदीप रावत को नामजद किया गया है। पीड़ित के अनुसार पिछले साल मार्च में मिनी स्टेडियम पुरोला में आयोजित एक कार्यक्रम में उनकी मुलाकात अंकित और संदीप से हुई थी। इससे कुछ दिन पहले ग्राम स्तर पर कराए गए क्रिकेट टूर्नामेंट के पुरस्कार वितरण के लिए अंकित ने यह समारोह आयोजित किया था। इसी दरम्यान उनकी अंकित रावत से बातचीत हुई तब अंकित ने कहा कि वह उनके बेटे का आइपीएल की किसी टीम में चयन करा देगा, इसकी एवज में उन्हें 70 लाख रुपये मांगे।
तहरीर में कहा गया कि बेटे की भविष्य की खातिर उन्होंने अपनी भेड़-बकरियां बेचकर और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर रुपयों का इंतजाम किया और अंकित के कहे अनुसार 70 लाख रुपये उसके बैंक खाते में जमा करा दिए। इस साल आइपीएल शुरू होने के पहले तक वह इसी इंतजार में थे कि शायद बेटे को आइपीएल से बुलावा आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। तब उन्हें अपने साथ धोखाधड़ी का एहसास हुआ। इस बाबत उन्होंने अंकित और उसके भाई से संपर्क किया तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया और रकम मांगने पर वह मुकर गए।
उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने बताया कि हाकम सिंह की तहरीर के आधार पर अंकित और संदीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि अंकित ने नोएडा में प्रीमियर लीग नाम से एक स्पोटर्स कंपनी खोली हुई है, इस कंपनी में उसने अपने भाई संदीप को बतौर सचिव रखा हुआ है। इसी की आड़ में वह बड़े क्रिकेटरों से मेलजोल बनाने का प्रयास करता था। उन्होंने बताया कि इनके नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है।
धमक दिखाने के लिए युवराज से बंटवाए थे पुरस्कार
क्षेत्र को लोगों को झांसे में लेने के लिए आरोपितों ने पिछले साल गांव की टीमों का मैच कराया था। इसके पुरस्कार वितरण में तब वह मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह को लेकर आया था। बताया गया कि आरोपितों ने युवराज को कार्यक्रम में बुलाकर यह धमक दिखाने की कोशिश की कि उनकी देश के बड़े क्रिकेटरों तक पहुंच है। लोग भी इन ठग भाइयों के झांसे में आ गए।
अभी और मामले आ सकते हैं सामने
आइपीएल की टीमों में चयन के नाम पर ठगी के और मामले सामने आ सकते हैं। क्षेत्र में चर्चा है कि पिछले साल आरोपितों ने गांव की कुछ टीमों के बीच यह कहकर क्रिकेट प्रतियोगिता कराई थी कि जो इनमें बेहतर खेलेगा, उसे आइपीएल की टीम में रखवाएंगे। चर्चा है कि आरोपितों ने अपनी ऊंची पहुंच होने का झांसा देकर कई लोगों से उनके बच्चों को आइपीएल में चयन कराने का भरोसा दिलाकर रकम ऐंठी। यद्यपि पुलिस ने कहना है कि अभी तक उनके पास ऐसा ही मामला पहुंचा है।
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