लॉकडाउन में किए गए कार्यों की ऑनलाइन हुई समीक्षा
कोरोना महामारी से हिदुस्तान जीतेगा। हम सब सतत संपर्क में रहें।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : कोरोना महामारी से हिदुस्तान जीतेगा। हम सब सतत संपर्क में रहें। प्रत्येक कार्यकर्ता प्रत्येक दिन एक नए शिक्षक को संगठन से जोड़े। उक्त बातें राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तराखंड की ऑनलाइन बैठक में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह ने कहा। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि इस संकट काल में शिक्षक समाज की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।
शिक्षकों को तकनीकी में दक्ष होकर छात्र, अभिभावक व समाज का ऑनलाइन माध्यम से जिस भी तरह से सहयोग हो सकता है, करना चाहिए। बैठक में राज्य के 36 पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया, जिसमें लॉकडाउन के दौरान शिक्षक समाज द्वारा किए गए अभिनव प्रयासों की समीक्षा की गई। तथा कोरोना वायरस की जंग से सफलतापूर्वक लड़ने के लिए रणनीति तैयार की गई। इस अवसर पर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रशांत सिंह की ओर से मास्क वितरण, रिसर्च प्रोजेक्ट तथा उच्च शिक्षा मंत्री को दिए गए ज्ञापन का विवरण प्रस्तुत किया गया। प्रदेश महिला अध्यक्ष डॉ. रश्मि त्यागी रावत ने अपने रिसर्च की जानकारी दी गई। प्रदेश महामंत्री डॉ. अनिल नौटियाल ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान किस तरह से स्वास्थ्य स्वाध्याय तथा आत्मनिर्भरता के लिए छात्र-छात्राओं में ²ष्टिकोण विकसित किया जाए, इस पर संगठन ऑनलाइन काउंसलिग प्रदान करने के लिए रणनीति बना रहा है। डॉ. पारुल दीक्षित प्रदेश मीडिया प्रभारी द्वारा अपने यू-ट्यूब चैनल के द्वारा चलाए जा रहे अवेयरनेस प्रोग्रामों की जानकारी दी गई। कुलवंत सिंह बल अध्यक्ष माध्यमिक संवर्ग कुमाऊं संभाग के द्वारा बताया गया कि कोरोना संकट काल के चलते उन्होंने अपने कॉलेज में सभी छात्र छात्राओं का शुल्क माफ कर दिया है और निश्शुल्क किताबें उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। प्रदेश संयोजक डॉ. हरनाम सिंह ने छात्र छात्राओं को ऑनलाइन कैरियर काउंसलिग व उनकी अन्य समस्याओं का भी ऑनलाइन काउंसलिग के माध्यम से समाधान होने की बात कही। इस मौके पर शिव नारायण, प्रदेश अध्यक्ष प्रो. विजय पाडेय प्रदेश मंत्री डॉ तनुजा मेलकानी डॉ प्रमोद मल, कृष्ण चंद्र बेलवाल, डॉ अलका सूरी, प्रो. एचसी पुरोहित, डॉ दीपक पांडेय, नीरज सैनी, रेनू पांडे, संजय सैनी, विजय प्रकाश श्रीवास्तव, पंकज शाह डॉ. आदि ने अपने विचार रखे।