कुछ खामियों के चलते उत्‍तराखंड में वह नहीं हो सका जो मैं चाहता था: एनडी तिवारी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके नारायण दत्त तिवारी ने हिमालयी राज्यों के विकास के लिए एक अलग नीति की पुरजोर वकालत की। उन्होंने समग्र व समेकित नीति को विकास का आधार बताया।

By gaurav kalaEdited By: Publish:Sat, 22 Oct 2016 04:56 PM (IST) Updated:Sun, 23 Oct 2016 07:30 AM (IST)
कुछ खामियों के चलते उत्‍तराखंड में वह नहीं हो सका जो मैं चाहता था: एनडी तिवारी

रुद्रपुर, [जेएनएन]: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके नारायण दत्त तिवारी ने हिमालयी राज्यों के विकास के लिए एक अलग नीति की पुरजोर वकालत की। उन्होंने कहा कि समग्र व समेकित नीति से ही हिमालय राज्य विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने उत्तराखंड में सीमा सुरक्षा, पलायन, शिक्षा और चिकित्सा की वर्तमान दशा पर असंतोष भी जताया।
एनडी तिवारी ने उधमसिंह नगर स्थित रुद्रपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हिमालय राज्यों के संतुलित विकास में यहां की भौगोलिक सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखना होगा। इसी के अनुरूप नीतिया बनानी होंगी, तभी हिमालयी राज्यों की चहुंमुखी तरक्की हो सकती है।
उन्होंने विकास कार्यों में पारिस्थितिकीय तंत्र और पर्यावरण संरक्षण के बिंदुओं को ध्यान में रखकर काम करने की जरूरत बतायी। तिवारी उत्तराखंड में बुनियादी आवश्यकताओं की वर्तमान दशा दिशा से कुछ हद तक आहत नजर आए।

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कहा कि उन्होंने यहां विकास की बुनियाद रखी और इस पर एक मजबूत इमारत खड़ी की थी, लेकिन कुछ खामियों के चलते उनकी सोच पूरी तरह सार्थक नहीं हो पाई है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन अभी भी जारी है। सीमावर्ती क्षेत्रों से पलायन की गति इतनी तेज है कि सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा और चिकित्सा भी बदहाल है। अधिकांश सुविधाएं मैदानी क्षेत्रों तक सिमट कर रह गई है।
उन्होंने सरकार द्वारा संपूर्ण राज्य के समग्र विकास की दिशा में काम करने की जरूरत बताई। अपने बेटे रोहित शेखर तिवारी को राजनीतिक विरासत सौंपने और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव लड़ाने की कोशिश से जुड़े सवाल पर बोले कि जो काम करेगा वह बढ़ेगा।

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बेटे रोहित के बारे में ये बोले एनडी
एनडी तिवारी ने कहा कि उनके बेटे रोहित में सक्रिय राजनीति के गुण हैं, उनके अंदर समाज और राज्य के लिए काम करने का जज्बा है। इसी के चलते वह चाहते हैं कि रोहित उनकी राजनीतिक विरासत संभाले।
राजनीति में वंशवाद से जुड़े सवाल पर बोले कि राजनीति में वंश नहीं गुणों के आधार पर प्रोत्साहन मिलना चाहिए। इससे पहले एक सभा को संबोधित करते हुए तिवारी के बेटे रोहित शेखर ने कहा कि वह समग्र विकास और कौमी एकता की सोच के साथ समाज सेवा करना चाहते हैं।

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सदन जनता की समस्याओं को दूर करने और उनके हितों में काम करने का एक सशक्त मंच है। वह चुनाव लड़ कर जीना चाहते हैं और पिता की राजनीतिक विरासत के साथ ही विकास की सोच को और आगे ले जाना चाहते हैं।
इधर, तिवारी के रूद्रपुर पहुंचने पर तमाम कार्यकर्ताओं और कांग्रेस से जुड़े लोगों ने उनका स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ताओं ने रोहित शेखर को चुनाव में हर संभव समर्थन और सहयोग का भरोसा दिया।

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