वीआइपी कल्चर से उबरा किसान मेला

संवाद सहयोगी पंतनगर आखिर पंतनगर में आयोजित होने वाले किसान मेलों का वीआईपी हस्ती से उद

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Sep 2019 11:54 PM (IST) Updated:Tue, 01 Oct 2019 06:31 AM (IST)
वीआइपी कल्चर से उबरा किसान मेला
वीआइपी कल्चर से उबरा किसान मेला

संवाद सहयोगी, पंतनगर: आखिर पंतनगर में आयोजित होने वाले किसान मेलों का वीआईपी हस्ती से उद्घाटन करवाने की परंपरा टूटी और किसानों को तरजीह मिलनी शुरू हुई, जो एक स्वस्थ परंपरा का द्योतक भी है। छह माह पूर्व आयोजित किसान मेले का उद्घाटन एवं समापन पद्मश्री भारत भूषण त्यागी एवं पद्मश्री कंवल सिंह चौहान से करवाने के बाद शुक्रवार से आयोजित किसान मेले का उद्घाटन प्रगतिशील महिला कृषक रेखा भंडारी, एवं समापन कृषक नरेंद्र सिंह मेहरा द्वारा करवाकर प्रतीत होता है कि किसान मेला अपने मूल उद्देश्य पर लौट आया है।

किसान, तकनीक और वैज्ञानिक के बीच सामंजस्य बनाने के लिए लगभग पचास वर्षों से आयोजित होने वाले किसान मेलों में उद्घाटन व समापन वीआईपी हस्ती द्वारा किए जाने की परंपरा रही है। इस दौरान जितने भी कुलपति आए, सभी ने इस परंपरा का निर्वहन किया। मौजूदा कुलपति डॉ. प्रताप ने इस परंपरा को तोड़ते हुए अपने कार्यकाल के पहले मेले से ही किसानों को तरजीह दी। शुक्रवार को मेले के उद्घाटन के पश्चात किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने घोषणा भी की कि अब आगे से आयोजित होने वाले किसान मेलों को उद्घाटन व समापन किसानों द्वारा ही करवाया जाएगा। चूंकि मेला किसानों के लिए होता है, तो मुख्य अतिथि भी किसी किसान को ही होना चाहिए। अब तक आयोजित होने वाले किसान मेलों में पहले दिन किसानों के शिरकत करने का रिकार्ड टूटा, और यह आंकड़ा चार हजार के पार चला गया। इतना ही नहीं उद्घाटन पश्चात मुख्य अतिथि का संबोधन सुनने के लिए जहां गांधी हाल की आधी सीटें भरनी मुश्किल होती थीं, वहीं इस बार हाल में तिल रखने की जगह नहीं थी। कारण साफ है कि यह मेलार्थी किसान वीआईपी कल्चर से दूर अपने ही बीच से निकले प्रगतिशील किसानों से अपनापन महसूस करते हैं।

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