किसी भी दशा में न छोड़ें धुर की वाणी का दामन : गालिब खुर्द

बाजपुर में गुरुद्वारा साहिब ठाठ नानकसर गजरौला में श्री गुरु गोविंद सिंह महाराज को समर्पित पूर्णमासी समागम श्रद्धाभाव से मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 07:00 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 07:00 PM (IST)
किसी भी दशा में न छोड़ें धुर की वाणी का दामन : गालिब खुर्द
किसी भी दशा में न छोड़ें धुर की वाणी का दामन : गालिब खुर्द

संवाद सहयोगी, बाजपुर : गुरुद्वारा साहिब ठाठ नानकसर गजरौला में श्री गुरु गोविंद सिंह महाराज को समर्पित पूर्णमासी समागम श्रद्धाभाव से मनाया गया। पंथ प्रचारकों ने गुरुवाणी पर प्रकाश डाला। समागम के पश्चात गुरु का अटूट लंगर भी बरताया गया।

गुरुद्वारा साहिब में सजे दीवान में भाई अमरजीत सिंह गालिब खुर्द ने व्याख्यान करते हुए कहा कि अकाल रूप श्री नानक देव जी इलाही वाणी (धुर की वाणी) के रचनहार हैं। गुरु पातशाह के मुखारबिद से उच्चारित पावन वाणी आसा की वार को चिंतकों ने परमेश्वर की वार की संज्ञा दी है। यह नित्तनेम की वाणी नहीं फिर भी इसे संगत रूप में हर रोज अमृत वेला गायन करने का नियम है और इस नियम को गुरु दशम पातशाह जी ने युद्ध की विकट परिस्थितियों में भी गायन करके सिखों को एक विलक्षण दिशा-निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में हमें धुर की वाणी का दामन नहीं छोड़ना है। संत बाबा प्रताप सिंह ने आसा की वार वाणी का संक्षिप्त परिचय देते हुए कहा कि आसा की वार में उस परमेश्वर को सृष्टि का नायक माना गया है। वाणी कहती है जीव को अहंकार व कर्मकांडों को त्यागकर सत्य स्वरूप प्रभु एवं उसकी रची सृष्टि के जीवों से सच्चा प्यार होना चाहिए। भाई हरपाल सिंह खालसा ने बताया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में कुल 22 वारें हैं, जिनमें आसा की वार एक ऐसी अध्यात्मिक रचना है जिसका गायन सैकड़ों वर्षो से किसी न किसी रूप में सुबह लगभग समस्त गुरुद्वारा साहिबान में किया जाता है। इस मौके पर बलविदर सिंह बन्नाखेड़ा, भाई करनैल सिंह केलाखेड़ा द्वारा भी गुरुवाणी का यशगान किया गया। कार्यक्रम में हरपाल सिंह, हरजिदर सिंह, गुरदीप सिंह, जगमोहन सिंह, गुरप्रताप सिंह, कमलजीत सिंह, बलविदर सिंह, सलविदर सिंह, मंगा सिंह मौजूद थे।

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