वार्षिक समागम में उमड़ा जनसैलाब

-तमाम प्रांतों के प्रचारकों ने किया गुरुवाणी से जुड़ने को प्रेरित -श्रद्धालुओं ने मनोकामना पूण

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 May 2019 11:19 PM (IST) Updated:Sun, 19 May 2019 06:35 AM (IST)
वार्षिक समागम में उमड़ा जनसैलाब
वार्षिक समागम में उमड़ा जनसैलाब

-तमाम प्रांतों के प्रचारकों ने किया गुरुवाणी से जुड़ने को प्रेरित

-श्रद्धालुओं ने मनोकामना पूर्ण कराने को टेका मत्था

चित्र परिचय : 18 बीजेपी-पी 01 से 15 तक। जागरण

संवाद सहयोगी, बाजपुर : ब्रह्मज्ञानी बाबा बुड्ढा साहिब के चौथे निर्मल तख्त तालाब खेड़ा नवाबगंज में 51वें वार्षिक समागम में जन सैलाब उमड़ पड़ा। देश के कई प्रांतों से आए प्रचारकों ने श्रद्धालुओं को गुरुवाणी से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। 50 हजार से भी अधिक लोगों ने मनोकामना पूर्ण होने की मन्नत मांगने को मत्था टेका व संत बाबा भगवंत भजन सिंह से आशीर्वाद लिया।

बुद्ध पूर्णिमा के दिन शनिवार को लेवड़ा वाले बाबा के नाम से प्रचलित ब्रह्मज्ञानी बाबा बुड्ढा जी के स्थान पर मेला व धार्मिक समागम में 50 हजार से भी अधिक श्रद्धालुओं ने मत्था टेका। मनोकामना पूर्ण होने पर उन्होंने बाबा जी का आभार प्रकट किया गया। इस मौके पर निर्मल तख्त के प्रमुख संत बाबा भगवंत भजन सिंह ने कहा कि आनंद साहिब की अंतिम पउड़ी में श्री गुरु अमरदास जी के फरमान का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि प्रभु के गुणगान व पवित्र वाणी के श्रवण से समस्त दु:ख, क्लेश, संताप आदि मिट जाते हैं। पंजाब से आए सुलक्खन सिंह, मक्खन सिंह के कविश्वरी जत्थे ने गुरुग्रंथ साहिब की वाणी में श्लोक का बखान किया। इसके अनुसार गुरदेव माता गुरदेव पिता गुरदेव स्वामी परमेश्वरा। जसदेव सिंह रमदास के रागी जत्थे द्वारा कहा गया कि सुन्न समाध गुफा तहआसन खेल ब्रह्म पूरन तहवासन.., भगत संग प्रेम गोष्ठ करता, तह हर्क न शोग न जन्म न मरता..। अर्थात- मनुष्य स्वयं को ही जीरो मानते हुए अपने को प्रभु में लीन करे और प्रभु की रजा में बस जाए। भाई सुरजीत सिंह बाजवा ने भ्रूण हत्या, नई पीढ़ी को नशे व रासायनिक उर्वरकों से अपनी फसलों को बचाने की अपील की। भाई सतनाम सिंह ने कहा कि मुख से निकले वचन मानव को सत्य की राह पर अग्रसर करते हैं। ऐसा पुरुष बनने के लिए दुनियावी अहंकार को मन से निकालना होगा।

भाई परमजीत सिंह नैनीताल व कुलवंत सिंह रुद्रपुर के रागी जत्थे ने ब्रह्मज्ञानी बाबा बुड्ढा जी के जीवन पर प्रकाश डाला। निर्मल तख्त जालंधर पंजाब से आए हजूरी रागी भाई वीर सिंह नामधारी ने कीर्तन द्वारा जोगा सिंह जोगी कीर्तन कविता के माध्यम से गुरुवाणी पर प्रकाश डाला। पंजाब से आए भाई गुरभेज सिंह के ढाडी जत्थे द्वारा गुरु अमरदास व बाबा बुड्ढा जी को समर्पित ढाडीवारों से संगत को निहाल किया।

आयोजन के समापन की घोषणा संचालक सुरजीत सिंह ने की। इस मौके पर डेरे के स्थानीय सेवादार भाई बलजीत सिंह, सर्व प्रदेश गुरुद्वारा कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष हरेंद्र सिंह लाडी, बाजपुर गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष दलजीत सिंह रंधावा, भूपेंद्र सिंह बाजवा, बलवंत सिंह, ज्ञानी चानन सिंह, सुरजीत सिंह, हरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, त्रिलोचन सिंह, अमरजीत सिंह रंधावा, निर्मल सिंह, सलवंत सिंह, संतोख सिंह, दीदार सिंह कलसी, अजायब सिंह, सुखवीर सिंह, कुलदीप सिंह, बलवीर सिंह, परमजीत सिंह, जिगरजीत सिंह, सुरमुख सिंह, सतनाम सिंह, हरनाम सिंह, हरवंश सिंह, हरमंदर सिंह, गुरुमेज सिंह, सरबजीत सिंह, अमरीक सिंह समेत करीब 50 हजार श्रद्धालु मौजूद थे।

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