परिणय-सूत्र में बंधकर एक-दूजे के हुए युगल

जागरण संवाददाता काशीपुर चैती स्थित मोटेश्वर महादेव मंदिर में शिव-पार्वती को साक्षी मानक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Nov 2019 06:58 PM (IST) Updated:Sun, 10 Nov 2019 06:58 PM (IST)
परिणय-सूत्र में बंधकर एक-दूजे के हुए युगल
परिणय-सूत्र में बंधकर एक-दूजे के हुए युगल

जागरण संवाददाता, काशीपुर : चैती स्थित मोटेश्वर महादेव मंदिर में शिव-पार्वती को साक्षी मानकर शनिवार को सामूहिक विवाह में 21 युगल एक-दूसरे के हो गए। उक्त विवाह मां बालसुंदरी परिणय संस्था के तत्वावधान में दोपहर करीब ढाई बजे 21 गरीब कन्याओं का विवाह मंदिर परिसर में कराया गया। संस्था की तरफ से पं. महेशानंद व विकास अग्निहोत्री समेत 16 पंडितों ने मंत्रोच्चारण कर सभी जोड़ों का विवाह कराया। बारात के 21 दूल्हे सबके लिए कौतूहल का विषय रहे। संस्था के अध्यक्ष बाबूराम, मीडिया प्रमुख सुरेश शर्मा, कोषाध्यक्ष आनंद कुमार एडवोकेट, अनिल कुमार पार्षद, बलवान सिंह, विजय चौधरी, विकास शर्मा आदि के अलावा तमाम लोगों ने सहयोग कर सामूहिक विवाह को सफल बनाया।

इनसेट..

बारात पर धारा 144 का लगा पहरा

बारात का प्रस्थान स्थल रामनगर रोड स्थित रामलीला ग्राउंड था, लेकिन नगर में धारा 144 लगी होने से बारात निर्धारित स्थल से न निकल कर विवाह स्थल के पास मोटेश्वर महादेव परिसर से ही निकाल दी गई। बारात 12 बजे के बजाय दोपहर लगभग दो बजे निकली और ढ़ाई बजे दोपहर तक विवाह शुरू करा दिया गया। फिर भी दूल्हा-दुल्हन व उनके परिवार के सदस्य काफी खुश नजर आ रहे थे।

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वर-वधू को औषधीय पौधे देकर दिलाया संकल्प

मां बालसुंदरी मंदिर के मुख्य पंडा विकास अग्निहोत्री ने सभी 21 जोड़ों को विवाहोपरांत औषधीय पौधे दिए तथा उनके संरक्षण का संकल्प दिलाया। कहा कि इन पौधों को लगाकर इनकी सुरक्षा संतान की तरह करना।

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दुल्हन को दूल्हे का इंतजार, दुल्हन फैसले को बेकरार

शादी में एक अजीबोगरीब माहौल देखने को मिला। अयोध्या के फैसले को लेकर जहां एक ओर हर किसी की निगाहें टीवी, मोबाइल पर टिकी थीं। वहीं शादी के इस समारोह में तपती धूप में घोड़ी पर सवार दूल्हे की निगाहें मोबाइल पर टिकी थीं। वह टकटकी लगाकर मोबाइल पर अयोध्या का फैसला पढ़ रहा था। दुल्हन व उसके परिजन दूल्हा देखने के लिए इंतजार कर रहे थे तो दूल्हे राजा अयोध्या के फैसले को मोबाइल पर बेकरारी से पढ़ कर खुश हो रहे थे।

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दुल्हन को गृहस्थी व श्रृंगार का दिया 24 सामान

संस्था की तरफ से सभी 21 निर्धन कन्याओं को सामूहिक विवाह में लोगों ने 24 तरह का गृहस्थी का सामान, श्रृंगार का सामान व आभूषण आदि दिए। डबल बेड, चादर, गद्दे दिए गए। वहीं शक्ति अग्रवाल ने सिलाई मशीन, मंगलसूत्र, पाजेब, बिछुए आदि सभी को दिए। साड़ी, चुनरी, पगड़ी, कलाई घड़ी, मिठाई के डिब्बे, तकिया, लिहाफ, अलमारी, 46 बर्तन का सेट, श्रृंगार दान, शॉल, कोट-पैंट, पटका व गोल्टा आदि सभी को दिया गया।

परिणय-सूत्र में बंधे यह लोग

जितेंद्र सिंह-गुड्डी, राजेश सिंह-बबली, नीलू-रविना, शुभम कुमार-च्योति यादव, दीपक शर्मा-सुमन शाह, जितेंद्र कुमार-मोनिका, जयप्रकाश-कंचन, छोटेलाल-मीना, जयकिशन-अन्नू, रवि कुमार-कामिनी, लेखराज-कौशल्या, गुड्डू-रिकी, मुनेंद्र गिरी-सिमरन, ललित सैनी-लक्ष्मी, प्रमोद-कंचन, अविनाश यादव-मोहिनी, नन्हें सिंह-रीना, गौतम-मनीषा, मनोज कुमार-मीनाक्षी, नीरज कश्यप-प्रीति कश्यप, वीर पाल-दीपा आदि सामूहिक विवाह में परिणय सूत्र में बंधे।

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