प्राकृतिक नजारों से भरपूर मासरताल किसी रहस्य से कम नहीं, जानिए

नर्इ टिहरी स्थित मासरताल अपने आप में एक रहस्य बना हुआ है। एक ही स्थान पर दो ताल हैं जिनका रंग अलग अलग है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 10 Sep 2018 01:49 PM (IST) Updated:Mon, 10 Sep 2018 09:24 PM (IST)
प्राकृतिक नजारों से भरपूर मासरताल किसी रहस्य से कम नहीं, जानिए
प्राकृतिक नजारों से भरपूर मासरताल किसी रहस्य से कम नहीं, जानिए

नई टिहरी, [जेएनएन]: पर्यटक स्थल मासरताताल किसी रहस्य से कम नहीं है। एक ही स्थान पर दो ताल हैं, लेकिन दोनों का ही रंग अलग-अलग है। एक ताल का रंग जहां हरा है, वहीं दूसरे ताल का रंग मटमैला है। एक ताल की लंबाई तीन सौ मीटर है, वहीं दूसरे की ढाई सौ मीटर है। दोनों तालों की गहराई का कुछ पता नहीं है। यहां काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। यह केदारनाथ का पैदल कांवड़ यात्रा मार्ग भी है, जो पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। 

घने बांज के जंगलों के बीच यह स्थान करीब सात हजार फीट की ऊंचाई पर है, जो काफी रमणीक है। सड़क से करीब नौ किमी की पैदल दूरी तय कर यहां तक पहुंचा जाता है। यहां पहुंचकर पर्यटक प्रकृति के अद्भुत नजारे को देखकर रोमांचित हो उठते हैं। खास बात यह है कि पैदल मार्ग पर जहां कहीं भी पानी नहीं है, वहीं मासरताल में दो बड़े-बड़े ताल हैं। दोनों ताल आस-पास हैं, लेकिन दोनों तालों का पानी अलग रंग के हैं, जो आज भी रहस्य बना हुआ है। यहां पर काफी संख्या में पर्यटकों के अलावा ट्रैकर भी पहुंचते हैं। 

केदारनाथ जाने वाले पैदल कांवड़ यात्री भी इस मार्ग से होकर निकलते हैं। इस स्थान को पहचान दिलाने के लिए स्थानीय लोग समय-समय पर यहां यात्रा भी निकालते हैं। रास्ते में भी कई रमणीक जगह मिलती हैं। इन तालों के बारे में अभी तक किसी को कुछ पता नहीं है। लेखक डॉ. शिवदयाल जोशी ने अपनी पुस्तिका में इस स्थान का वर्णन किया है। इस स्थान तक पहुंचने के लिए कुछ साल पूर्व जिला पंचायत ने यहां पर पैदल मार्ग का भी निर्माण किया था। 

तालों के अलावा दूर-दूर तक फैले हरे घास के मैदान हैं। साथ ही सामने बर्फ से ढकी पहाड़ियां भी दिखाई देती हैं। यहां पर स्थानीय लोगों ने छानियां भी बना रखी है। पर्यटन के लिहाज से यह स्थान काफी महत्वपूर्ण है। सड़क मार्ग से दूर होने के कारण अभी तक इस स्थान को विकसित नहीं किया जा सका है। 

क्या है विशेषताएं 

- दो ताल दोनों के पानी का रंग अलग-अलग। 

- इन तालों के अलावा आस-पास कहीं पानी नहीं। 

- आस-पास बर्फीली पहाड़ियों के होते हैं दीदार। 

-बांज के जंगलों के मध्य है स्थित। 

जिला पर्यन अधिकारी एसएस यादव ने बताया कि पर्यटक स्थल पर सुविधाओं के लिए यदि क्षेत्र से प्रस्ताव आता है, तो उसे उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा। 

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