केदारनाथ में बिचौलियों के हाथ लुट रहे हवाई यात्री

केदारनाथ में यात्रा का दबाव बढ़ने के साथ ही हवाई टिकटों की ब्लैकमेलिंग भी जमकर होने लगी है। बिचौलिये प्रति यात्री बुकिंग पर दो हजार रुपये से अधिक का कमीशन वसूल रहे हैं।

By BhanuEdited By: Publish:Sat, 20 May 2017 01:56 PM (IST) Updated:Sun, 21 May 2017 05:02 AM (IST)
केदारनाथ में बिचौलियों के हाथ लुट रहे हवाई यात्री
केदारनाथ में बिचौलियों के हाथ लुट रहे हवाई यात्री

रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: केदारनाथ में यात्रा का दबाव बढ़ने के साथ ही हवाई टिकटों की ब्लैकमेलिंग भी जमकर होने लगी है। बिचौलिये प्रति यात्री बुकिंग पर दो हजार रुपये से अधिक का कमीशन वसूल रहे हैं। ऐसा नहीं कि इससे हेली कंपनियां वाकिफ नहीं हैं, लेकिन उन्होंने खामोशी ओढ़ी हुई है। प्रशासन जरूर बिचौलियों पर अंकुश लगाने के लिए एसडीएम के नेतृत्व में टीम गठित की थी। लेकिन, एक सप्ताह से अधिक हो गया, टीम के हाथ खाली ही हैं। नतीजा, बिचौलिये बेखौफ अपनी कारगुजारियों को अंजाम दे रहे हैं।

हेली सेवाओं के दफ्तरों में इन दिनों खासी भीड़ उमड़ रही है। लेकिन, महीनेभर पहले टिकट की बुकिंग के बाद भी यात्रियों का नंबर नहीं आ पा रहा। इसी का फायदा उठाते हुए बिचौलिये ऑन लाइन बुकिंग करवाने वाले यात्रियों से टिकट के 7000 रुपये की जगह 9000 रुपये वसूल रहे हैं।

पेशे से शिक्षक अहमदाबाद (गुजरात) निवासी नारायण ने बताया कि उनके एजेंट ने 9000 रुपये प्रति टिकट उनसे वसूले। इसमें वीआइपी दर्शन को दी जाने वाली 2100 रुपये की राशि शामिल नहीं है। बताया कि उन्हें बुकिंग के एक दिन बाद जैसे-तैसे केदारनाथ जाने दिया गया।

जालंधर (पंजाब) के प्रदीप सिंह ने बताया कि उनके एजेंट ने ऑन लाइन बुकिंग कराने के बावजूद उन्हें टिकट नहीं दिया। पूछने पर बताया कि अब कीमत बढ़ गई है, जिसके लिए ज्यादा पैसा देना होगा। 

बता दें कि बीते वर्ष भी टिकटों के ब्लैकमेलिंग की शिकायतें बड़ी संख्या में आई थी। इस पर कई बिचौलिये पुलिस के हत्थे भी चढ़े, लेकिन इस बिचौलियों पर अंकुश लगने के बजाय उनकी संख्या और बढ़ गई है। 

इसे देखते हुए पूर्व में डीएम ने एसडीएम ऊखीमठ व पुलिस क्षेत्राधिकारी गुप्तकाशी के नेतृत्व जो टीम गठित की थी, उसने भी कोई सक्रियता नहीं दिखाई। इससे उनके हौसले और बढ़ गए हैं।

तीन कंपनियों को अनुमति न मिलने से बढ़ी समस्या

सरकार ने कुल 14 कंपनियों को केदारनाथ के लिए हेली सेवा संचालित करने की अनुमति दी थी। लेकिन, इनमें से सुमित, सार व बजाज एविएशन को डीजीसीए (डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन) से उड़ान की अनुमति नहीं मिली। जबकि, इन कंपनियों ने एडवांस बुकिंग तक उठा ली थी। अब ये तीनों कंपनी अन्य कंपनियों के माध्यम से अपने यात्रियों को केदारनाथ भेज रही हैं। नतीजा, हेली कंपनियों के दफ्तरों में मारामारी की स्थिति है।

तैनात की जाएगी टीम 

जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल के मुताबिक हवाई टिकट को लेकर लगातार इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। इसे देखते हुए प्रत्येक हेलीपैड पर प्रशासन की टीम तैनात की जाएगी। टीम बिचौलियों पर नजर रखने के साथ ही उनके विरुद्ध कार्रवाई भी करेगी।

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