शाम को मोदी मंत्र, सुबह दौड़ा तंत्र

मुख्य सचिव ने अघिकारियों के साथ मिलकर नर्इ केदारपुरी के निर्माण कार्य का जायजा लिया। उन्होंने केदारनाथ से भीमबली तक पैदल यात्रा कर मार्ग का जायज़ा लिया।

By raksha.panthariEdited By: Publish:Sat, 28 Oct 2017 06:38 PM (IST) Updated:Sat, 28 Oct 2017 11:02 PM (IST)
शाम को मोदी मंत्र, सुबह दौड़ा तंत्र
शाम को मोदी मंत्र, सुबह दौड़ा तंत्र

देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: तो अब यह मान ही लिया जाए कि बाबा केदारनाथ के बेटे ने आखिरकार कमान संभाल ही ली। भव्य और दिव्य केदारनाथ धाम के निर्माण की जिस मुहिम को अपने हाथों में लेने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी, बीते रोज मसूरी के दो दिनी अति व्यस्त दौरे से लौटते हुए उन्होंने उस पर अमल भी कर दिया। शुक्रवार शाम मोदी ने नई केदारपुरी को लेकर जिसतरह मंत्र फूंका, उसके बाद शाम से ही राज्य की सरकारी मशीनरी तेजी से हरकत में भी आई और शनिवार को केदारनाथ तक दौड़ भी लगा दी। केदारनाथ पर मोदी की इस सक्रियता से चाहे या अनचाहे दोनों ही तरह से भाजपा के मिशन 2019 के साथ केदारनाथ के मुद्दे का जुड़ना भी तय माना जा रहा है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीती 20 अक्टूबर को वर्ष 2013 की आपदा से प्रभावित केदारनाथ धाम में नई केदारपुरी के कार्यों का शिलान्यास करते हुए उद्घोष किया था कि 'उन्हें बाबा ने बुलाया है। भव्य और दिव्य केदारनाथ धाम के निर्माण का कार्य बाबा के बेटे के हाथ से ही होना था। राज्य में भाजपा की भारी बहुमत से सरकार बनने के बाद यह साफ हो गया।' इस उद्घोष के महज सात दिन के भीतर अपने दो दिनी मसूरी प्रवास के आखिरी दिन दिल्ली वापसी से पहले जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर ही मोदी ने अपने व्यस्त शेड्यूल से वक्त निकालकर नई केदारपुरी के निर्माण कार्यों का जायजा तो लिया ही, साथ में राज्य सरकार और उसके अमले को हिदायत दी कि केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्यों में हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं होगी। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर उनकी सीधी नजर रहेगी। 

अब इसे मोदी की ओर से फूंके गए मंत्र का ही कमाल कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के जाते ही सरकार और उसका तंत्र केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों को तेजी से अंजाम तक पहुंचाने की रणनीति में जुटा नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री ने पहले नई केदारपुरी के शिलान्यास और जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर समीक्षा, दोनों मौके पर यह भी साफ किया कि केदारनाथ पुनर्निर्माण का मामला सिर्फ उत्तराखंड तक सीमित नहीं, बल्कि देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से गहरे जुड़ा हुआ है। यानी मोदी केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों को राज्य सरकार के भरोसे ही छोड़ने वाले नहीं हैं। लिहाजा राज्य सरकार को केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर संजीदा होना पड़ा है। शनिवार को मुख्य सचिव ने आला अधिकारियों के साथ केदारनाथ का दौरा कर पुनर्निर्माण कार्यों की योजनाओं का मौका मुआयना किया। मोदी के अब खुद केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण को मोर्चा संभालने के बाद 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले इन कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का दबाव राज्य सरकार पर बढ़ गया है। 

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