कालीमठ में नहीं भरे आपदा के जख्म
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: कालीमठ घाटी पहुंचते ही आज भी यहां आपदा के जख्म साफ दिखाई दे रहे हैं। बदहा
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: कालीमठ घाटी पहुंचते ही आज भी यहां आपदा के जख्म साफ दिखाई दे रहे हैं। बदहाल मार्ग से जैसे-तैसे आवाजाही हो रही है। कालीमठ को जाने वाला अस्थाई लकड़ी का पुल से ही आवाजाही हो रही है। कई भक्त बदहाल पुल को देख बिना मां के दर्शन किए लौट रहे हैं। आपदा के 23 माह बीत जाने के बाद भी कालीमठ को जोड़ने वाले पुल का निर्माण नहीं हो पाया है।
आपदा से जख्म झेल चुकी ऊखीमठ ब्लाक की कालीमठ घाटी में आज भी लोगों की दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। कालीमठ घाटी का कालीमठ गांव आपदा के 23 माह बाद भी अलग-थलग पड़ा हुआ है। गांव में प्रसिद्ध सिद्धपीठ भगवती कालीमाई का मंदिर भी है। 2013 जून में आई आपदा में कालीमठ गांव को जोड़ने वाला मुख्य पैदल मार्ग काली नदी में बह गया था। इसके बाद लोनिवि ने गांव को जोड़ने के लिए अस्थाई पुल का निर्माण किया। जो बरसात में नदी का जलस्तर बढ़ जाने से बह गया। परेशान ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से नदी के ऊपर से आवाजाही को लकड़ी का पुल बनाया। वर्तमान समय में यह पुल लकड़ी सड़ने के कारण जर्जर हो चुका है। इससे आवाजाही करना खतरे से खाली नही है। पुल पर आवाजाही करते ही यह झूलने लगता है।
पुल न बनने से इसका सबसे ज्यादा खामियाजा स्कूल पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं व कालीमठ मंदिर के दर्शनों को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को उठाना पड़ रहा है। कई श्रद्धालु तो बिना दर्शन किए ही वापस लौट रहे है। जो बमुश्किल से दर्शनों के लिए मंदिर पहुंच रहे है वे भी कड़े अनुभव लेकर वापस लौट रहे है। ग्रामीण कई बार प्रशासन से उक्त पुल के स्थान पर पक्का पुल बनाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन कोई कार्रवाही नहीं होती दिख रही है।
गुप्तकाशी से कालीमठ के एक दर्जन गांवों को जोड़ने वाला कालीमठ कोटमा मोटर मार्ग भी जर्जर स्थिति में है। इस मार्ग चौमासी कविल्ठा समेत एक दर्जन गांवों के लोग जान हथेली पर रख कर आवाजाही करने को मजबूर हैं।
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'पक्का पुल निर्माण को लेकर बुधवार को ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी थी। लेकिन तहसील प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को दो माह के भीतर पुल पर निर्माण करने व ट्राली लगाने का आश्वासन दिया है। '
गीता राणा, ग्राम प्रधान कालीमठ।
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कालीमठ में स्थाई पुल का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही यहां पर ट्राली भी लगाई गई है। बरसात से पूर्व यहां पर लोगों की आवाजाही के लिए गाडर का पुल लगाने के लिए लोनिवि को निर्देशित किया गया है।'-उत्तम सिंह चौहान
उप जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग
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