निजी चिकित्सकों की हड़ताल से जनता त्रस्त

संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ निजी चिकित्सकों और सरकार के बीच चल रहा गतिरोध आम जनता पर बहुत भ्

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 03:24 PM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2019 05:15 PM (IST)
निजी चिकित्सकों की हड़ताल से जनता त्रस्त
निजी चिकित्सकों की हड़ताल से जनता त्रस्त

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: निजी चिकित्सकों और सरकार के बीच चल रहा गतिरोध आम जनता पर बहुत भारी पड़ रहा है। स्वास्थ सेवाओं के मामले में पहले ही बेहद पिछड़े पर्वतीय जिलों के लोगों को इस हड़ताल ने खासा परेशान कर दिया है। परेशान मरीजों में सरकार के खिलाफ गहरा आक्रोश है।

गुरुवार को भी निजी चिकित्सकों ने अपने अस्पताल नहीं खोले। चिकित्सक क्लीनिकल एस्टीब्लसमेंट एक्ट (सीईए)में बदलाव की मांग कर रहे हैं। चिकित्सकों ने बदलाव के बगैर काम नहीं करने का ऐलान किया है। दवा प्रतिनिधि संघ ने नगर के गांधी चौक में जोरदार प्रदर्शन कर निजी चिकित्सकों की मांगों का समर्थन किया। संघ के जिलाध्यक्ष भुवन पांडे ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में सीमित भूमि है ऐसे में सीईए को लागू करना तर्कसंगत नहीं है। इस एक्ट के लागू होने पर चिकित्सा व्यवस्था बेहद महंगी हो जाएगी जिसका भार वहन कर सकना आम लोगों के वश में नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार एक्ट को लागू करना चाहती है तो पहले सरकारी अस्पतालों की दशा सुधारे और उनमें भी इस एक्ट को लागू करे। उपाध्यक्ष जीवन पंत ने कहा कि हड़ताल आम मरीजों पर बेहद भारी पड़ रही है। मरीजों को उपचार के लिए प्रदेश से बाहर जाना पड़ रहा है। उन्होंने अविलंब इस समस्या का समाधान निकालने की मांग करते हुए कहा कि समाधान नहीं हुआ तो संघ उग्र आंदोलन को बाध्य होगा। सभा को तरू ण जोशी, सीएस अवस्थी, राजेश धौनी, खीम भंडारी, ललित पाठक, गंभीर भंडारी, नीरज पुनेड़ा, अशोक कलखुड़िया, भुवन पांडे, गोविंद, मनोज बिष्ट, तारा जोशी, गोकुल उपाध्याय, अशोक पंत, अमित, संतोष सिंह, निर्मल भट्ट सहित तमाम दवा प्रतिनिधियों ने संबोधित किया। रातों रात ले जाना पड़ा पीलीभीत पिथौरागढ़: सिर में चोट लग जाने से नगर के युवक मनोज कुमार को सीटी स्कैन करना था, जिले के निजी अस्पताल में इसकी सुविधा उपलब्ध है। लेकिन हड़ताल के चलते उनका स्कैन नहीं हो पाया, जिसके चलते परिवार के लोग एम्बुलेंस बुक कर रातों रात पीलीभीत के लिए रवाना हुए। तमाम मरीजों को इसी तरह बरेली, पीलीभीत, दिल्ली ले जाना पड़ रहा है।

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