इस पर्वत पर समय से पहले उभरी ऊं की आकृति, कारण जानिए

कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर ऊं पर्वत पर इस बार समय से पहले ऊं की आकृति उभर गई है। इसका कारण ग्लोबल वार्मिंग मानते हुए पर्यावरण प्रेमी चिंतित हैं।

By BhanuEdited By: Publish:Wed, 17 Jan 2018 09:11 AM (IST) Updated:Wed, 17 Jan 2018 09:15 PM (IST)
इस पर्वत पर समय से पहले उभरी ऊं की आकृति, कारण जानिए
इस पर्वत पर समय से पहले उभरी ऊं की आकृति, कारण जानिए

पिथौरागढ़, [ओपी अवस्थी]: पहाड़ भी ग्लोबल वार्मिंग से अछूते नहीं। कम से कम हिमालय के हालात तो यही बयां कर रहे हैं। कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर ऊं पर्वत पर जून से लेकर मध्य नवंबर तक ऊं की आकृति नजर आया करती थी, लेकिन यह आकृति अभी से दिखाई देने लगी है। इसकी बड़ी वजह ग्लोबल वार्मिंग व कम बर्फबारी को माना जा रहा है। 

कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग में 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित अंतिम भारतीय पड़ाव नाबीढांग से सामने ऊं पर्वत नजर आता है। इस पर्वत पर जब ग्रीष्म (मई-जून) में बर्फ पिघलती है तो ऊं की आकृति स्पष्ट उभर जाती है। शीतकाल में नवंबर के बाद होने वाले भारी हिमपात से पूरा पर्वत बर्फ से ढक जाता है। इसके चलते आकृति नजर नहीं आती। 

इस बार कम बर्फबारी से जनवरी महीने के दूसरे सप्ताह से ही ऊं भी आकृति उभरने लगी है। इसको लेकर पर्यावरण प्रेमी चिंतित हैं। 

देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह कहते हैं कि बर्फबारी न होना ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम है। वह कहते हैं कि कार्बन डॉई आक्साइड के बढ़ते स्तर पर अंकुश लगाए बिना हालात गंभीर हो जाएंगे। 

आइटीबीपी के डीआइजी ने भेजे चित्र

चार दिन पूर्व आइटीबीपी बरेली रेंज के डीआइजी एपीएस निंबाडिया हेलीकॉप्टर से चीन सीमा की अग्रिम चौकियों के निरीक्षण पर थे। उन्हें लगभग 19 हजार फीट ऊंचे ऊं पर्वत पर ऊं की आकृति नजर आई। पूर्व में इस क्षेत्र में सेनानी रह चुके निंबाडिया जनवरी में ही यह आकृति देखकर चौंक गए। उन्होंने पर्वत का चित्र दैनिक जागरण को उपलब्ध कराया।

हिमवीरों ने बुझाई उच्च हिमालय में लगी आग

उच्च हिमालय क्षेत्र में चीन सीमा से सटे कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर छियालेख से गर्बयांग के बीच बुग्यालों में लगी आग भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के हिमवीरों ने बुझा दी है। हिमवीरों की सक्रियता से गब्र्यांग का जंगल बच गया है। आइटीबीपी के डीआइजी एपीएस निंबाडिया ने आग बुझाने वाले जवानों को हौसला बढ़ाते हुए उन्हें सम्मानित करने की घोषणा की है।

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