तीसरे दिन खिली धूप, ठंड से जूझ रहे पिथौरागढ़ को मिली राहत

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सीमांत जिले पिथौरागढ़ में तीसरे दिन धूप के दर्शन हुए। धूप खिलने से

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jan 2019 04:46 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jan 2019 04:46 PM (IST)
तीसरे दिन खिली धूप, ठंड से जूझ रहे पिथौरागढ़ को मिली राहत
तीसरे दिन खिली धूप, ठंड से जूझ रहे पिथौरागढ़ को मिली राहत

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सीमांत जिले पिथौरागढ़ में तीसरे दिन धूप के दर्शन हुए। धूप खिलने से दिन में लोगों को ठंड से राहत मिली। बर्फबारी से बंद पड़े दो मोटर मार्गो पर तीसरे दिन भी यातायात का संचालन नहीं हो सका।

भारी बर्फवारी और बारिश के बाद गुरू वार को मौसम साफ हुआ। सुबह नौ बजे तक जिले भर में कोहरा छाया रहा, जिसके चलते मौसम साफ होने को लेकर संदेह बना हुआ था। नौ बजे बाद कोहरा छंटने के साथ ही धूप के दर्शन हुए। दिन भर अच्छी धूप खिली रही। जिससे तापमान में भी बढ़ोत्तरी हो गई। गुरू वार को अधिकतम तापमान 16 डिग्री और न्यूनतम तापमान चार डिग्री दर्ज किया, हालांकि औसत तापमान अधिकतम 22 डिग्री और न्यूनतम सात डिग्री माना जाता है।

सीमांत तहसील मुनस्यारी के लोगों की दुश्वारियां फिलहाल कम नहीं हुई है। तहसील मुख्यालय को जोड़ने वाला थल-मुनस्यारी मोटर मार्ग तीसरे दिन भी बंद रहा। जिसके चलते लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जरूरी यात्रा करने वाले वाया जौलजीवी होते हुए आवागमन कर रहे हैं। लोक निर्माण विभाग ने मार्ग खोलने के लिए स्नो कटर लगा रखा है। विभाग ने गुरू वार देर सायं तक मार्ग खोल लेने का दावा किया है। उधर धारचूला तहसील के अंतर्गत सोसा- नारायण आश्रम मोटर मार्ग गुरू वार को नहीं खुल सका। विभाग मार्ग खोलने में जुटा हुआ है।

55 घंटे से अंधेरे में डूबी है हिमनगरी, लोग परेशान मुनस्यारी: सीमांत तहसील मुनस्यारी पिछले 55 घंटों से अंधेरे में डूबी हुई है। तहसील मुख्यालय को जोड़ने वाली बिजली लाइन अब तक नहीं जोड़ी नहीं जा सककी है। बिजली आपूर्ति भंग होने से तहसील क्षेत्र के लोग खासे परेशान हैं।

22 जनवरी को भारी बर्फवारी से कालामुनि के पास 33 केवीए बिजली लाइन टूट गई थी, जिससे तहसील मुख्यालय और तमाम गांवों की बिजली आपूर्ति ठप पड़ी हुई है। करीब 55 घंटे बाद भी टूटी हुई बिजली लाइनें नहीं जुड़ सकी हैं। क्षेत्र में हुआ भारी हिमपात लाइनें जोड़ने में समस्या खड़ी कर रहा है। बिजली आपूर्ति भंग होने से लोग खासे परेशान हैं। अंधेरे में रात बिता रहे लोगों की मोबाइल बैटरियां भी खत्म हो गई है, जिससे अधिकांश लोग इधर-उधर सम्पर्क नहीं कर पा रहे हैं। घूमने के लिए आए तमाम पर्यटक भी इसके चलते परेशान हैं। क्षेत्रवासियों ने इस समस्या के लिए विद्युत विभाग की अदूरदर्शिता को जिम्मेदार मानते हुए कहा है कि वर्ष 2013 में मुनस्यारी के लिए वाया जौलजीवी होते हुए एक और फीडर तैयार करने का प्रस्ताव बनाया गया था, इसके लिए सुरईधार में काम भी शुरू कर दिया गया था, बाद में इसे रोक दिया गया। डबल फीडर बन जाने से एक क्षेत्र में व्यवधान आने पर दूसरे क्षेत्र से विद्युत आपूर्ति हो सकती है।

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