वन दारोगा के स्थानांतरण पर भावुक हो उठे ग्रामीण, आंसुओं को बहने से न रोक पाए
घंडियाल में भी वन दरोगा जगदीश प्रसाद सेमवाल के स्थानांतरण के मौके पर आयोजित विदाई समारोह के दौरान ग्रामीण भावुक हो उठे।
पौड़ी, जेएनएन। सरकारी विभागों में कार्मिकों के लिए स्थानांतरण एक प्रक्रिया है। लेकिन कुछ कर्मचारी ऐसे होते हैं जो विभागीय कार्यों के अलावा स्थानीय लोगों के साथ अपने व्यवहार के चलते इतने प्रगाढ़ हो जाते हैं कि जब वो वहां से जातें हैं तो स्थानीय लोग उनकी विदाई पर इतने भावुक हो जाते हैं, जैसे उनके परिवार से किसी सदस्य के स्थानांतरण पर विदाई दे रहे हैं। शुक्रवार को घंडियाल में भी वन दरोगा जगदीश प्रसाद सेमवाल के स्थानांतरण के मौके पर आयोजित विदाई समारोह में यहीं सब देखने को मिला।
दरअसल, जगदीश प्रसाद सेमवाल सिविल और सोयम वन प्रभाग के सतपुली रेंज में सेवारत हैं। वे कुछ समय तक रेंज के प्रभारी भी रहे। पिछले तीस साल से अधिक समय से घंडियाल क्षेत्र में ही किराए के मकान में रहे। कुछ समय पहले ही उनका स्थानांतरण चमोली जनपद में हुआ। शुक्रवार को युवा संगठन समिति की ओर से उनके स्थानांतरण पर विदाई कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इसमें काफी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। वर्षों से अपने बीच रहे सेमवाल की विदाई पर स्थानीय लोगों ने ढोल-दमाऊं की थाप और फूल मालाओं से उनका स्वागत किया। स्थानीय लोग उन्हें सड़क तक छोड़ने आए तो कई लोग अपने आसुओं को नहीं रोक पाए और भावुक होकर रोने लगे। इस दौरान खुद सेमवाल भी विदाई लेते समय काफी भावुक हो गए।
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जगमोहन डांगी ने बताया कि वन दरोगा जगदीश प्रसाद सेमवाल ने कई लोगों की आर्थिक रूप से मदद भी की है, जिससे विदाई पर भावुक होना स्वभाविक है। विदाई देने वालों में संजय रावत, दिवाकर नैथानी, नीतू लिंगवाल, अश्वनी कुमार, देवेंद्र राणा, अनुसूया प्रसाद, मेहरवान नेगी, प्रदीप कुमार, कंचन, संतोष रावत आदि शामिल थे।
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