मास्क और सैनिटाइजर बैंक शुरू

जागरण संवाददाता श्रीनगर गढ़वाल गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत बिड

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 06:23 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 06:09 AM (IST)
मास्क और सैनिटाइजर बैंक शुरू
मास्क और सैनिटाइजर बैंक शुरू

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:

गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत बिड़ला परिसर एनएसएस इकाई ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ एनएसएस की लड़ाई की अलकनंदा मास्क एवं सैनिटाइजर बैंक की स्थापना की गयी है।

बिड़ला परिसर स्थित कार्यालय परिसर में यह मास्क बैंक कार्य करेगा। मंगलवार को गढ़वाल केंद्रीय विवि के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. पीएस राणा, एनएसएस के विश्वविद्यालय प्रमुख प्रो. ओके बेलवाल, वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ममता आर्य की उपस्थिति में मुख्य अतिथि गढ़वाल केंद्रीय विवि के कुलसचिव प्रो. एनएस पंवार ने इस मास्क एवं सैनिटाइजर बैंक का उद्घाटन किया। जिसमें एनएसएस के स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं के बनाए मास्क वितरण के लिए रखे गए हैं। प्रथम दिन 250 मास्क और सैनिटाइजर के साथ इस बैंक ने कार्य करना शुरू किया। राष्ट्रीय सेवा योजना के उत्तरी भारत के प्रमुख डॉ. अशोक श्रोती ने लखनऊ से ऑनलाइन संबोधन में बिड़ला परिसर एनएसएस की इस अनूठी पहल की सराहना की। प्रो. कुलसचिव प्रो. एनएस पंवार ने कहा कि एनएसएस छात्र-छात्राओं के किए जा रहे कार्य विशेषकर कोविड-19 के दौरान जनता की सहायता के लिए किए जा रहे कार्य बहुत सराहनीय भी है। डीएसडब्ल्यू प्रो. पीएस राणा ने भी एनएसएस के कार्यों को सराहा।

गढ़वाल केंद्रीय विवि के एनएसएस समन्वयक प्रो. ओके बेलवाल ने कहा कि बड़े लक्ष्य के साथ कोविड-19 के खिलाफ एनएसएस ने यह अभियान शुरू किया है। जिसमें एनएसएस के स्वयंसेवी योद्धा छात्र-छात्राएं स्वयं घरों पर मास्क बनाकर इस बैंक में जमा करेंगे। प्रो. बेलवाल ने कहा कि निर्धन और जरूरतमंद किसी भी कार्यदिवस पर आकर बैंक से मास्क और सैनिटाइजर प्राप्त कर सकता है। जिसके लिए वरिष्ठ स्वयंसेवी वीर प्रताप सिंह को इस योजना का प्रमुख बनाया गया है। वीर प्रताप सिंह, अक्षिता अग्रवाल, आशुतोष नेगी इस योजना के संचालन में प्रमुख सहयोगी छात्र हैं।

वैभव सकलानी से मिली प्रेरणा

एनएसएस के स्वयंसेवी छात्र वैभव सकलानी के लॉकडाउन अवधि में जोशीमठ में रहते स्वयं मास्क का निर्माण करने के साथ ही मास्कों को एकत्र कर उसे वितरित करने की योजना चलायी गयी। इसी से प्रेरित होकर अब विश्वविद्यालय में भी अलकनंदा मास्क और सैनिटाइजर बैंक कार्य करेगा।

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