तीन साल बाद मिली खुशी एक दिन में हवा

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: श्रीनगर मेडिकल कालेज से सम्बद्ध बेस अस्पताल में तीन साल बाद रेडियोल

By Edited By: Publish:Sat, 15 Nov 2014 09:32 PM (IST) Updated:Sat, 15 Nov 2014 09:32 PM (IST)
तीन साल बाद मिली  खुशी एक दिन में हवा

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: श्रीनगर मेडिकल कालेज से सम्बद्ध बेस अस्पताल में तीन साल बाद रेडियोलाजिस्ट की तैनाती पर जनता की खुशी एक ही दिन में काफूर हो गई जब रेडियोलॉजिस्ट डाक्टर ने शुक्रवार को कार्यभार ग्रहण करने के कुछ ही घंटों बाद वापस दून की राह पकड़ ली। बेस अस्पताल में नियुक्ति के साथ-साथ सम्बन्धित रेडियोलॉजिस्ट अपने साथ ही दून अस्पताल में सम्बद्ध किए जाने का आदेश भी साथ लाए थे।

जनता के साथ इससे भद्दा मजाक और क्या हो सकता है कि उनके तीन साल का इंतजार खत्म तो हुआ पर महज एक दिन के लिए, जब चिकित्सक ने नियुक्ति के साथ ही वापसी की राह पकड़ ली। बीते शुक्रवार को देहरादून से तबादले पर आए डॉ. यतेंद्र सिंह ने बेस अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के पद पर कार्यभार ग्रहण किया और उसी दिन कुछ ही घंटों के अंतराल में वह वापस देहरादून के लिए रिलीव भी हो गया। ऐसे में तीन साल से अल्ट्रासाउंड का पर पड़ा ताला तो खुल भी नहीं पाया। शासन का यह खेल जनता की समझ में भी नहीं आ रहा है। रेडियोलाजिस्ट न होने से अल्ट्रासाउंड कक्ष पर ताला लगा है, सीटी स्कैन और एक्सरे की रिपोर्ट भी तैयार नहीं होती। सीटी स्कैन भी टेक्नीशियन पर ही निर्भर है। ऐसी स्थिति में फिजीशियन और सर्जनों को भी रोगियों के उपचार में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में शुक्रवार को कुछ सुधार उस समय दिखाई दिया जब डॉ. यतेंद्र सिंह ने रेडियोलॉजिस्ट के पद पर तैनाती ली, लेकिन बेस अस्पताल के डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ सहित क्षेत्र की जनता भी यह देख हैरत में रह गयी कि कुछ समय बाद वह वापस देहरादून भी हो गए।

जनता के साथ मजाक

क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी यह देख हैरत में हैं कि जब सम्बन्धित रेडियोलॉजिस्ट को दून अस्पताल में ही अटैच करना था तो फिर उसे कुछ ही घंटे के लिए बेस अस्पताल में क्यों तैनाती दी गयी। क्षेत्र पंचायत के पूर्व सदस्य विभोर बहुगुणा और नरेश नौटियाल का भी कहना है कि आम जनता के साथ ऐसा खिलवाड़ नहीं होने चाहिए।

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