लागा चुनरी में दाग छिपाऊं कैसे..

संवाद सहयोगी, कोटद्वार: शनिवार देर शाम शहर की जनता ने जहां एक ओर पुराने फिल्मी गीतों का लुत्फ उठा

By Edited By: Publish:Mon, 30 Nov 2015 01:01 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2015 01:01 AM (IST)
लागा चुनरी में दाग छिपाऊं कैसे..

संवाद सहयोगी, कोटद्वार:

शनिवार देर शाम शहर की जनता ने जहां एक ओर पुराने फिल्मी गीतों का लुत्फ उठाया, वहीं कलाकारों ने कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित नाटक के जरिए समाज में सुखद संदेश देने की पहल की।

विश्व भारती कला मंच के तत्वावधान में मालवीय उद्यान में आयोजित 'सुरमयी शाम' में गायकों ने पुराने फिल्मी गानों के माध्यम से लोगों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। उस्ताद मंजूर अली खान के निर्देशन में आयोजित 'सुरमयी शाम' में स्थानीय गायक प्रभाकर ने 'लागा चुनरी में दाग छिपाऊं कैसे..', गीता नेगी ने 'पत्ता-पत्ता, बूटा-बूटा हाल हमारा जाने है..' मातबर ¨सह ने 'तेरे चेहरे में वो जादू है..' शंकर ¨सह ने 'पल-पल दिल के पास तुम रहती हो..' जैसे गीत गाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। गायक दयाशंकर फुलारा ने 'ख्वाबों को सच में कर लूं एक रात ऐसी दे दो..' प्रकाश गढ़वाली ने 'आज पुरानी राहों से कोई मुझे आवाज न दे..' लक्की खान ने 'ए माना मेरी जां मोहब्बत सजा है..' गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इससे पहले प्रदेश के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री सुरेंद्र ¨सह नेगी ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। नेगी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से जहां छिपी प्रतिभाओं को मंच मिलता है, वहीं भूली-बिसरी यादें भी ताजा होती हैं। कार्यक्रम में लाजवंती भट्ट, भावना नैथानी, संदीप नैनवाल, विशाल गुप्ता, संजीव कुमार, रवि शंकर ¨सह, विशाल गुप्ता ने भी प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में गन्ना विकास परिषद के उपाध्यक्ष विजय नारायण ¨सह, नगर पालिका अध्यक्ष रश्मि राणा, ब्लॉक प्रमुख सुरेश असवाल, मंडी समिति के निदेशक लक्ष्मण ¨सह रावत, पालिका सभासद रंजना रावत, रेशमा परवीन, रमेश चौधरी, डॉ. चंद्रमोहन खर्कवाल, ओमप्रकाश कंडवाल आदि मौजूद रहे।

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