Coronavirus Lockdown : इस मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने केन्द्र व प्रदेश सरकार से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान गरीबाेें को राहत सामग्री की आपूर्ति कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं व अन्य द्वारा किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान मजदूरों व गरीबों नियम कायदों को ताक पर रखकर राहत सामग्री व अन्य सामानों की आपूर्ति कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं व अन्य द्वारा किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने राज्य व केंद्र सरकार से एक हफ्ते के भीतर जबाव दाखिल करने के निर्देश दिए हैं । इस मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी।
मामले के अनुसार सचिदानन्द डबराल ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित किया गया है । इससे निपटने के लिये प्रभावित लोंगों की मदद दैवीय आपदा राहत कार्य व राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत की जानी चाहिए । याचिका में लॉक डाउन से प्रभावित मजदूरों, गरीब व अन्य लोंगों की मदद कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं व अन्य लोंगों द्वारा की जा रही है और इनके पास वायरस से बचने के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं है और जरूरत मन्दलोगों तक राहत सामग्री पहुंचना मुश्किल हो रहा है।
जबकि यह कार्य उप जिलाधिकारी,तहसीलदार, स्थानीय निकाय, क्षेत्र पंचायत,ग्राम पंचायत आदि द्वारा किया जाना चाहिए जिससे कि जरूरत मन्द लोगों तक राहत सामग्री आसानी से पहुँच सके और किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो । मामले की सुनवाई न्यायमुर्ति सुधांशू धुलिया व न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खण्डपीठ में हुई। खण्डपीठ ने राज्य सरकार व केंद्र से एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है ।
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