जंगल की आग में पति को खोने वाली तुलसी को अब जंगल बचाने का जुनून

कम बारिश और बर्फबारी के कारण उत्‍तराखंड के जंगलों में दावानल की बढ़ती घटनाओं ने हर किसी को चिंता में डाल दिया है। वन संपदा का बड़ा हिस्‍सा जलकर खाक हो रहा है वहीं आबादी के लिए भी खतरा पैदा हो गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 08:10 AM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 08:10 AM (IST)
जंगल की आग में पति को खोने वाली तुलसी को अब जंगल बचाने का जुनून
जंगल की आग में पति को खोने वाली तुलसी को अब जंगल बचाने का जुनून

किशोर जोशी, नैनीताल : कम बारिश और बर्फबारी के कारण उत्‍तराखंड के जंगलों में दावानल की बढ़ती घटनाओं ने हर किसी को चिंता में डाल दिया है। वन संपदा का बड़ा हिस्‍सा जलकर खाक हो रहा है, वहीं आबादी के लिए भी खतरा पैदा हो गया है। जबकि फायर सीजन शुरू होने से पहले विभाग ने जंगल की आग रोकने के लिए बड़े-बड़े दावे किए थे। सभी दावे भी खोखले साबित हुए। हालांकि विभाग के नाकाफी इंतजामों के बीच कर्मचारियों और दैनिकभोगियों का काम सराहनीय है। ऐसी ही एक दैनिक श्रमिक महिला के आधी रात तक आग बुझाने के जुनून ने वन अफसरों को भी हैरत में डाल दिया है। अब जिले के नोडल अफसर व अपर प्रमुख वन संरक्षक डा. कपिल जोशी ने उसके जज्बे की सराहना करते हुए उसे स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित करने की संस्तुति कर दी है। साथ ही उसके नियमितीकरण के लिए पत्रावली तैयार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

बुधवार व गुरुवार आधी रात को हल्द्वानी रोड पर बल्दियाखान, पटवाडांगर क्षेत्र के जंगल में भीषण आग लगी थी। जैव प्रौद्योगिकी संस्थान तक आग की लपटें पहुंच गई थीं। सूचना पर मनोरा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी भूपाल सिंह मेहता अन्य कर्मचारियों के साथ पहुंच गए। एपीसीसीएफ  डा. जोशी भी पहुंचे तो देखा कि महिला तुलसी देवी तब तक आग बुझा रही थी। उसके जज्बे को देख डा. जोशी खासे प्रभावित हुए और उन्होंने तुलसी को नियमित करने के निर्देश मौके पर ही दे दिए। रेंजर भूपाल सिंह मेहता ने बताया कि दैनिक श्रमिक तुलसी के नियमितीकरण की पत्रावली तैयार की जाने लगी है। एक सप्ताह में उसकी अस्थायी सेवा स्थायी करने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

आठ साल पहले पति की हुई थी आग बुझाने में मौत

कूंण पटवाडांगर निवासी 47 वर्षीय तुलसी के पति भूपाल सिंह भी विभाग में दैनिक श्रमिक थे। छह जून 2012 को जंगल की आग बुझाते समय भूपाल की झुलसकर मौत हो गई थी, जिसके बाद तुलसी को रेंज में ही दैनिक श्रमिक के रूप में नियुक्ति दी गई। पांचवीं पास तुलसी का एक बेटा व दो विवाहित व एक अविवाहित बेटी हैं। डा. जोशी ने बताया कि ऐसे कर्मचारियों को निश्चित तौर पर सम्मान मिलना चाहिए। वह निजी रूप से भी उसे इनाम देंगे। 

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