बिना हेलमेट नैनीताल पहुंचे थाइलैंड के सैलानियों का कटा चालान nainital news

अलीगढ़ मुस्लिम विवि में अध्ययनरत थाइलैंड के पांच छात्रों को थर्टी फस्र्ट मनाने बिना हेलमेट स्कूटर से नैनीताल आना महंगा पड़ गया। पुलिस ने पांचों युवकों का चालान काट दिया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 01 Jan 2020 11:23 AM (IST) Updated:Wed, 01 Jan 2020 11:23 AM (IST)
बिना हेलमेट नैनीताल पहुंचे थाइलैंड के सैलानियों का कटा चालान nainital news
बिना हेलमेट नैनीताल पहुंचे थाइलैंड के सैलानियों का कटा चालान nainital news

नैनीताल, जेएनएन : अलीगढ़ मुस्लिम विवि में अध्ययनरत थाइलैंड के पांच छात्रों को थर्टी फस्र्ट मनाने बिना हेलमेट स्कूटर से नैनीताल आना महंगा पड़ गया। पुलिस ने पांचों युवकों का चालान काट दिया। मंगलवार दोपहर मल्लीताल रिक्शा स्टैंड चौकी पर कोतवाल अशोक कुमार व अन्य पुलिस कर्मी ड्यूटी पर थे, तभी पांच रंग-बिरंगे स्कूटरों से युवक मल्लीताल की ओर आ रहे थे। हेलमेट नहीं पहने होने पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पूछताछ में पता चला कि युवक थाईलैंड के निवासी हैं और उनके नाम कारिष, अराकेम, कनासेक, कलावैग, धमाक हैं। ये सभी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में अध्ययन करते हैं। पुलिस ने सभी का चालान काटकर उन्हें छोड़ दिया। इस दौरान मौके पर भारी भीड़ भी जमा हो गई।

ठेकेदार पर ढाई लाख जुर्माना, लोनिवि को रिमाइंडर

हल्द्वानी : आरक्षित वन क्षेत्र में बगैर अनुमति निजी टेलीकॉम कंपनी की लाइन बिछाने के मामले में डीएफओ ने ठेकेदार से ढाई लाख रुपये का जुर्माना वसूलने के बाद गाडिय़ों को छोड़ा है। एक माह तक दो गाड़ी रेंज कार्यालय में सीज रही। वहीं, लोनिवि को बगैर फॉरेस्ट से पूछे सड़क खोदने की परमिशन देने को लेकर रिमाइंडर भेजा गया है। इससे पहले अधिशासी अभियंता को नोटिस भेजा गया था, लेकिन जवाब नहीं मिला। एक दिसंबर की रात चोरगलिया व नंधौर रेंज की टीम ने कुछ लोगों को बोङ्क्षरग मशीन से वन आरक्षित क्षेत्र में गड्ढा खोदते देखा था। मौके पर जाने पर पता चला कि बगैर परमिशन लाइन बिछाई जा रही थी। लोनिवि की जमीन तक ठेकेदार ने खोद दी थी। जिस पर वन विभाग ने मौके पर मिले ट्रैक्टर व ट्रक को जब्त कर लिया। डीएफओ कुंदन कुमार सिंह ने बताया कि ढाई लाख जुर्माना लेने के बाद गाड़ी ठेकेदार के सुपुर्द की गई। भविष्य में ऐसी हरकत न करने की हिदायत भी दी गई। डीएफओ के मुताबिक लोनिवि को नोटिस के बाद अब रिमाइंडर भी भेजा गया है कि उसके द्वारा कैसे ठेकेदार को सड़क खोदने की अनुमति दी गई। क्योंकि फॉरेस्ट ने सिर्फ सड़क बनाने की अनुमति के साथ वनभूमि दी थी।

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