कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर खिसकी चट्टाने, रास्‍ते पर बोल्‍डर आने से ग्रामीण फंसे

कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग में नजंग और मालपा के मध्य चट्टान खिसक गई। बोल्डर आने से मार्ग बंद हो गया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 10 Nov 2019 08:27 AM (IST) Updated:Sun, 10 Nov 2019 08:27 AM (IST)
कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर खिसकी चट्टाने, रास्‍ते पर बोल्‍डर आने  से ग्रामीण फंसे
कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर खिसकी चट्टाने, रास्‍ते पर बोल्‍डर आने से ग्रामीण फंसे

धारचूला (पिथौरागढ़) जेएनएन : कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग में नजंग और मालपा के मध्य चट्टान खिसक गई। बोल्डर आने से मार्ग बंद हो गया। इससे व्यास घाटी के शीतकालीन प्रवास के लिए धारचूला आ रहे ग्रामीण भी फंस गए।

व्यास घाटी को जोडऩे वाले मार्ग में नजंग तक सड़क बन चुकी है। नजंग से आगे मालपा व लामारी तक सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। नजंग से मालपा के मध्य शुक्रवार की रात को चट्टान खिसक गई और विशाल बोल्डर मार्ग में आ गए। जिससे मार्ग बंद हो गया है। इस समय उच्च हिमालयी व्यास घाटी के सात गांवों बूंदी, गब्र्यांग, गुंजी, नाबी, नपलचू, रोंगकोंग और कुटी के ग्रामीण माइग्रेशन कर रहे हैं। शुक्रवार को माइग्रेशन में आ रहे 20 परिवारों के लोग यहां पर फंसे हैं। माइग्रेशन के दौरान ग्रामीण पूरे परिवार, जानवरों और सामान के साथ होते हैं। मार्ग बंद होने के कारण ग्रामीणों ने शुक्रवार की रात्रि टेंट लगाकर बिताई। बीआरओ के अधीन निर्माणाधीन सड़क में आए मलबे को हटाए जाने का कार्य चल रहा है। शनिवार की देर सायं तक मार्ग खुल सका। मार्ग खुलने के बाद व्यास घाटी के माइग्रेशन में लौट रहे परिवार आगे को रवाना हो चुके हैं।

 बता दें कि प्रतिदिन ग्रामीण माइग्रेशन में आ रहे हैं साथ ही भारत चीन व्यापार के व्यापारियों का सामान भी लाया जा रहा है। 14 नंवबर से प्रारंभ होने वाले जौलजीबी मेले से पूर्व सामान का धारचूला पहुंचना आवश्यक है। भारत चीन व्यापार में आयातित सामान की बिक्री का सबसे बड़ा बाजार जौलजीवी रहता है।

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