उत्तराखण्ड चुनाव 2022: नैनीताल सीट पर अनुसूचित जाति व अल्पसंख्यक वोट होंगे निर्णायक

उत्तराखण्ड चुनाव 2022 नैनीताल विधानसभा सीट पर करीब एक लाख दस हजार मतदाता हैं। इसमें से करीब 30 हजार अनुसूचित जाति तथा करीब पांच हजार अल्पसंख्यक मतदाता हैं। नैनीताल व भवाली में अल्पसंख्यक मतदाता हैं। अन्य इलाकों में अनुसूचित मतदाता रहते हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 09:31 AM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 09:31 AM (IST)
उत्तराखण्ड चुनाव 2022: नैनीताल सीट पर अनुसूचित जाति व अल्पसंख्यक वोट होंगे निर्णायक
उत्तराखण्ड चुनाव 2022: नैनीताल विधानसभा सीट पर करीब एक लाख दस हजार मतदाता हैं।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : विधानसभा की नैनीताल आरक्षित सीट पर भले ही कोविड प्रतिबंधों की वजह से घर-घर प्रचार करीब-करीब बंद है लेकिन पूरे विधानसभा क्षेत्र के सियासी समीकरणों को अपने पक्ष में करने की रणनीति का तानाबाना हर दल बुन रहा है।

इस सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा, कांग्रेस के बीच होना तय है, जबकि पहली बार मुकाबले में उतरी आप ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। क्षेत्रीय दल उक्रांद ने पंचायत प्रतिनिधि को मैदान में उतारकर अन्य दलों के वोट बैंक पर सेंधमारी की तैयारी की है।

नैनीताल विधानसभा सीट पर करीब एक लाख दस हजार मतदाता हैं। इसमें से करीब 30 हजार अनुसूचित जाति तथा करीब पांच हजार अल्पसंख्यक मतदाता हैं। नैनीताल व भवाली में अल्पसंख्यक मतदाता हैं तो बेतालघाट के साथ ही नैनीताल नगर, भवाली, भूमियाधार, गरमपानी व अन्य इलाकों में अनुसूचित मतदाता रहते हैं।

कांग्रेस अनुसूचित व अल्पसंख्यक वोट के भरोसे बड़ी जीत के दावे कर रही है तो भाजपा इन वोटों का बंटवारा कर विजय की पकटथा लिख रही है। कांग्रेस की चिंता यह है कि आम आदमी पार्टी अल्पसंख्यक मतदाताओं में सेंधमारी कर सकती है। बहरहाल इस बार पूरे विधानसभा क्षेत्र के शहरी व ग्रामीण इलाकों में वोटों को अपने पक्ष में करने के लिए राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों को अतिरिक्त कवायद करनी पड़ रही है।

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