विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को जब 2018 में पदोन्नति दे दी फिर अब क्याें नहीं

एक ओर जहां विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को मान्यता दिलाने के लिए पत्राचार हो रहे हैं वहीं 2018 में इन्हीं शिक्षकों को बिना किसी अवरोध के पदोन्नति दे दी गई थी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 26 Apr 2020 08:32 AM (IST) Updated:Sun, 26 Apr 2020 08:32 AM (IST)
विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को जब 2018 में पदोन्नति दे दी फिर अब क्याें नहीं
विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को जब 2018 में पदोन्नति दे दी फिर अब क्याें नहीं

रुद्रपुर, जेएनएन : शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल पर सवाल उठ रहे हैं। एक ओर जहां विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को मान्यता दिलाने के लिए पत्राचार पर पत्राचार हो रहे हैं, वहीं 2018 में इन्हीं शिक्षकों को बिना किसी अवरोध के पदोन्नति दे दी गई थी। फिलहाल आला अधिकारी भी इसका जवाब देने में हिचिकिचसा रहे हैं। सीधा सवाल है कि जब विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण को एनसीटीई से मान्यता ही नहीं मिली है तो शिक्षकों का प्रमोशन कैसे कर दिया गया।

उत्तराखंड राज्य का गठन होने के बाद वर्ष 2000 में ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की कमी को देखते हुए बीएड, एलटी, सीपीएड, डीपीएड और बीपीएड प्रशिक्षित साढ़े 16 हजार अभ्यर्थियों को तैनात कर दिया गया। इसके पूर्व उन्हें विशिष्ट बीटीसी का विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इनका सेवारत प्रशिक्षण भी राजकीय प्रशिक्षण संस्थानों, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट में एनसीटीई की ओर से निर्धारित छह माह का विशिष्ट बीटीसी पाठ्यक्रम के आधार पर किया गया। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर ने परीक्षा ली और परिणाम भी घोषित किया। इसके बाद इनकी नियुक्ति प्रशिक्षित शिक्षकों के वेतनमान के आधार पर कर दी गई, लेकिन एनसीटीई ने प्रशिक्षण को मान्यता नहीं दी। लेकिन वर्ष 2018 में विभाग में ऐसा खेल हुआ कि उन्ही बिना मान्यता वाले अप्रशिक्षित शिक्षकों को पोन्नति सूची में शामिल कर लिया गया और प्रमाेट भी कर दिया।

वैसे तो प्रदेश में 2018 में कईयों के प्रमोशन हुए, लेकिन सिर्फ ऊधमसिंह नगर की बात करें तो करीब 240 ऐसे शिक्षकों को प्रमोशन दिश गया जो अप्रशिक्षित की श्रेणी में आ रहे थे। उनको एनसीटीई की मान्यता ही नहीं मिली। अब अप्रैल 2020 में एक बार फिर से प्रोन्नति के आदेश जारी हो गए हैं, हालांकि इस बार विभाग की झोल पकड़ में आई है।

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