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लॉकडाउन में मीलों दूर से अपने गांव के बच्‍चों को पढ़ा रहा आइटीबीपी का जवान

चम्‍पावत में तैनात आईटीबीपी का जवान राजस्‍थान के अपने गांव के बच्‍चों को ऑनलाइन शिक्षा देने में जुटा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 06:13 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 06:13 PM (IST)
लॉकडाउन में मीलों दूर से अपने गांव के बच्‍चों को पढ़ा रहा आइटीबीपी का जवान
लॉकडाउन में मीलों दूर से अपने गांव के बच्‍चों को पढ़ा रहा आइटीबीपी का जवान

चम्पावत, जेएनएन : कोरोना वायरस के चलते पूरा देश लॉकडाउन है। स्‍कूल और कोंचिंग सेंटर बंद पड़े हैं। समझदार और जागरूक लोग इस घड़ी में अपनी ओर से समाज और देश के लिए कुछ न कुछ योगदान दे रहे हैं। आइटीबीपी की 36वीं वाहिनी लोहाघाट में तैनात एक हिमवीर जवान बलराम कुमार भी इन्हीं लोगों में शामिल है। ड्यूटी के बाद बलराम वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए राजस्थान के बीकानेर में अपने गांव के बच्चों को पढ़ा रहे हैं। बलराम दूरसंचार विभाग में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं।

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लद्दाख से स्थानांतरित होकर आए

बलराम लद्दाख में तैनात थे। एक साल पहले वह लोहाघाट के पास सुई छमनियां स्थिति आइटीबीपी 36वीं वाहिनी में आए। विदेशों के बाद देश में कोरोना संक्रमण के पांव पसारने के बाद केंद्र सरकार ने इस बीमारी से बचने के लिए लॉकडाउन घोषित कर दिया। इस दौरान स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटरों को भी बंद करने के आदेश दे दिए गए। बीएससी बीएड बलराम कुमावत ने लॉकडाउन में घर में बैठे बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए उन्हें ऑनलाइन पढ़ाने का बीड़ा उठा लिया। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कुमावत जीके ट्रिक नाम से यू टूयूब चैनल बनाया और वीडियो कांफ्रें सिंग के जरिए अपने शहर (बीकानेर) राजस्थान के बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया।

दो शिफ्ट में लेते हैं क्‍लास

यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से वह विभिन्न प्रतियोगिताओं से संबंधित सामग्री भी पोस्ट करते हैं। कुमावत ने बताया कि रोजाना सुबह और शाम नौ बजे से 10 बजे तक 50 बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। दिनभर वह अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते हैं। उनकी क्लास में हाईस्कूल, इंटरमीडिएट से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे छात्र शमिल होते हैं। आइटीबीपी के कमांडेंट सुभाष चंद्र यादव ने भी बलराम कुमार के इस प्रयास की सराहना की है।

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