नए पैटर्न पर करें सीबीएसई परीक्षा की तैयारी, गणित, विज्ञान में ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन हाेंगे अधिक

वर्ष 2020 में होने वाली दसवीं-बारहवीं की परीक्षा में सीबीएसई ने कुछ अहम बदलाव किए हैं। गणित विज्ञान सोशल साइंस जैसे विषयों में ऑब्जेक्टिव सवाल अधिक होंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 07 Oct 2019 08:35 AM (IST) Updated:Mon, 07 Oct 2019 08:35 AM (IST)
नए पैटर्न पर करें सीबीएसई परीक्षा की तैयारी, गणित, विज्ञान में ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन हाेंगे अधिक
नए पैटर्न पर करें सीबीएसई परीक्षा की तैयारी, गणित, विज्ञान में ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन हाेंगे अधिक

हल्द्वानी, जेएनएन : वर्ष 2020 में होने वाली दसवीं-बारहवीं की परीक्षा में सीबीएसई ने कुछ अहम बदलाव किए हैं। गणित, विज्ञान, सोशल साइंस जैसे विषयों में ऑब्जेक्टिव (वस्तुनिष्ठ) सवालों की संख्या में बढ़ोतरी की है। जबकि डिस्क्रिप्टिव (वर्णनात्मक) सवालों की संख्या घटा दी गई है। परीक्षा में बेहतर अंक लाने के लिए छात्र-छात्राओं को इस नए पैटर्न के अनुसार तैयारी करनी होगी। सीबीएसई के सैंपल पेपर इसमें मददगार साबित हो सकते हैं।

सीबीएसई ने परीक्षा की तैयारी के लिए हाल ही में सैंपल क्वेश्चन पेपर जारी किए हैं। जिनमें गणित, साइंस, सोशल साइंस, संस्कृत, अंग्रेजी, ङ्क्षहदी आदि के प्रश्नपत्र शामिल हैं। पिछले साल के मुकाबले कई विषयों के प्रश्नपत्रों में से डिस्क्रिप्टिव सवाल कम कर दिए गए हैं। जिनके स्थान पर ऑब्जेक्टिव सवाल बढ़ाए गए हैं। जहां विगत वर्ष दसवीं गणित में छह, साइंस में दो, सोशल साइंस में सात ऑब्जेक्टिव सवाल शामिल किए गए थे। वहीं, इस बार इनकी संख्या सभी विषयों में 20 कर दी गई है। इसके अलावा बारहवीं बोर्ड पैटर्न में प्रैक्टिकल, इंटरनल असेसमेंट के साथ ही ऑब्जेक्टिव सवाल भी शामिल किए गए हैं। 

कमजोर बच्चों के लिए मुफीद होगा पैटर्न

आर्यमान विक्रम बिड़ला स्कूल की हिस्ट्री टीचर बीना जोशी ने सीबीएसई के इस नए परीक्षा पैटर्न को पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए मुफीद बताया है। कहा कि कमजोर बच्चे बड़े सवाल आसानी से हल नहीं कर पाते हैं ऐसे में उन्हें छोडऩे में ही भलाई समझते हैं। यदि ऑब्जेक्टिव सवाल अधिक होंगे तो वे बच्चे उन्हें आसानी से हल कर पाएंगे।

मेहनत ज्यादा करनी होगी

डॉन बॉस्को सीनियर सेकेंड्री स्कूल के प्रबंधक एवं पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपाल बिष्ट ने बताया कि परीक्षा पैटर्न में बदलाव से कोई खासा प्रभाव नहीं पड़ेगा। छात्र-छात्राओं को मेहनत थोड़ी ज्यादा करनी पड़ेगी।

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