पिता नैनीताल में लगाते हैं फड़, लॉकडाउन में पड़ गए थे खाने के लाले, अब बेटा बना असिस्‍टेंट प्रोफेसर

कहते हैं मुश्किलों भरे डगर में मेहनत की आंच पर तपकर ही व्यक्ति सफल बनता है। यह कहावत शहर निवासी प्रदीप आर्य पर बिल्कुल सटीक बैठती है। लाकडाउन के दौरान जब घर में खाने तक के लाले पड़ गए तो प्रदीप के शिक्षक बनने का सपना और मजबूत हो गया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 08:41 AM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 08:41 AM (IST)
पिता नैनीताल में लगाते हैं फड़, लॉकडाउन में पड़ गए थे खाने के लाले, अब बेटा बना असिस्‍टेंट प्रोफेसर
पिता नैनीताल में लगाते हैं फड़, लॉकडाउन में पड़ गए थे खाने के लाले, अब बेटा बना असिस्‍टेंट प्रोफेसर

नैनीताल, जागरण संवाददाता : कहते हैं मुश्किलों भरे डगर में मेहनत की आंच पर तपकर ही व्यक्ति सफल बनता है। यह कहावत शहर निवासी प्रदीप आर्य पर बिल्कुल सटीक बैठती है। लाकडाउन के दौरान जब घर में खाने तक के लाले पड़ गए तो प्रदीप के शिक्षक बनने का सपना और मजबूत हो गया। उन्होंने दिन रात मेहनत कर उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति पाई है।

रतन काटेज मल्लीताल निवासी 24 वर्षीय प्रदीप ने बताया कि 2018 में संगीत से एमए करने के बाद उन्होंने शिक्षक बनने का मन बना लिया था। वर्तमान में वह कुमाऊं विवि से ही संगीत के शोध छात्र हैं। पिता महेश कुमार मल्लीताल क्षेत्र में फड़ लगाते हैं, मां हेमा गृहिणी हैं।

लाकडाउन के बाद पिता का काम ठप हुआ तो घर पर खाने के तक लाले पड़ गए। प्रशासन और संस्थाओं की ओर से बांटा जा रहा राशन पाकर उन्होंने किसी तरह पेट भरा। मुश्किलें बढ़ीं तो उनका नौकरी करने का सपना और मजबूत हो गया। जनवरी में हुए साक्षात्कार में उत्तीर्ण होकर वह यूओयू में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए। बताया कि नौकरी लगने के बाद अब पिता को फड़ नहीं लगाने देंगे।

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