तीन उच्च हिमालयी गांवों के लोग निचले स्थानों पर ही करेंगे मतदान, प्रशासन को मिली राहत

अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले धारचूला विस क्षेत्र के तीन उच्च हिमालयी घाटियों में रहने वाले ग्रामीण इस बार निचले स्थानों पर ही मतदान कर सकेंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 11 Mar 2019 07:33 PM (IST) Updated:Mon, 11 Mar 2019 07:33 PM (IST)
तीन उच्च हिमालयी गांवों के लोग निचले स्थानों पर ही करेंगे मतदान, प्रशासन को मिली राहत
तीन उच्च हिमालयी गांवों के लोग निचले स्थानों पर ही करेंगे मतदान, प्रशासन को मिली राहत

पिथौरागढ़, जेएनएन : लोक सभा निर्वाचन में उत्तराखंड में प्रथम चरण में चुनाव कराए जाने से सीमांत जिले में प्रशासन को खासी राहत मिली है। अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले धारचूला विस क्षेत्र के तीन उच्च हिमालयी घाटियों में रहने वाले ग्रामीण इस बार निचले स्थानों पर ही मतदान कर सकेंगे। निर्वाचन आयोग को भी मतदान के लिए अतिरिक्त कसरत करने से मुक्ति मिलेगी।

प्रदेश में 11 अप्रैल को मतदान हो रहा है। अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र में पिथौरागढ़ जिले की धारचूला विधानसभा क्षेत्र में तीन उच्च हिमालयी घाटियां दारमा, व्यास और जोहार हैं। तीनों घाटियों के 31 गांव साल का आधा समय उच्च हिमालय और मध्य हिमालय में व्यतीत करते हैं। शीतकाल में निचले इलाकों में तो ग्रीष्म से शरद काल उच्च हिमालय में रहते हैं। ग्रीष्मकालीन माइग्रेशन अमूमन 15 अप्रैल से प्रारंभ हो जाता है। ग्रामीण 15 अप्रैल के आसपास निचले इलाकों से अपने मूल गांवों को रवाना होने लगते हैं। मई माह के अंत तक लगभग माइग्रेशन करने वाले सभी परिवार उच्च हिमालय में चले जाते हैं।

इधर अप्रैल प्रथम पखवाड़े में चुनाव होना प्रशासन के लिए सबसे अधिक राहत देने वाला हुआ है। उच्च हिमालयी बूथों पर मतदान के लिए प्रशासन को मतदान पार्टियों को वहां तक पहुंचाना एक चुनौती रहती है। पूर्व के चुनावों में एकाध बार ऐसी स्थिति आई है कि मतदान पार्टियों को हेलीकॉप्टर से भेजना पड़ा था। बीते लोस चुनाव में भी ग्रामीणों को मतदान के लिए रोकना पड़ा था, लेकिन कुछ ग्रामीणों के उच्च हिमालय में चले जाने से मतदान कम हुआ था।

तीन उच्च हिमालयी घाटियां

धारचूला में - दारमा और व्यास

मुनस्यारी में - जोहार

व्यास घाटी के गांव- बूंदी, गब्र्यांग, गुंजी, नपलच्यू, नाबी, रौंगकोंग , कुटी।

दारमा के गांव- चल, बालिंग, नागलिंग, बौगलिंग, दुग्तू, दांतू, ढाकर, सेला, सीपू, तिदांग, मार्छा, गो।

जोहार के गांव- मिलम, ल्वां, पांछू, गनघर, मर्तोली, खैलांच, टोला, बुगडियार, बिल्जू, बुर्फू, लास्पा।

नामिक गांव सर्वाधिक पैदल दूरी वाला होगा

धारचूला विस क्षेत्र का मुनस्यारी तहसील का नामिक गांव इस बार सर्वाधिक पैदल दूरी वाला बूथ होगा। सड़क मार्ग बला से यहां की दूरी 27 किमी है। इस बार के चुनाव में यह सर्वाधिक ऊंचाई वाला बूथ 2780 मीटर की ऊंचाई वाला होगा। गांव में 130 परिवार रहते हैं। इसी विस क्षेत्र में कनार गांव की सड़क से दूरी 16 किमी है। इसके अलावा दूरस्थ गांवों में सुमदुंग, बौना, गोल्फा, तौमिक, बुईपातों, क्वीरीजीमिया, साइपोलू हैं। जिसमें क्वीरीजीमिया, साईपोलू, बुई पातों की सड़क से पैदल दूरी आठ-आठ किमी है।

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