बिजली न होने के कारण इस गांव में लोग अपनी बहन-बेटियों को ब्‍याहने से कतराते हैं

गौलापार स्थित गंगानगर गांव में पिछले 40 साल से बिजली पहुंचने का इंतजार हो रहा है। वन भूमि पर दिए गए आवासीय पट्टों पर 150 परिवार रहते हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 16 Mar 2019 01:24 PM (IST) Updated:Sat, 16 Mar 2019 01:24 PM (IST)
बिजली न होने के कारण इस गांव में लोग अपनी बहन-बेटियों को ब्‍याहने से कतराते हैं
बिजली न होने के कारण इस गांव में लोग अपनी बहन-बेटियों को ब्‍याहने से कतराते हैं

हल्द्वानी, जेएनएन : गौलापार स्थित गंगानगर गांव में पिछले 40 साल से बिजली पहुंचने का इंतजार हो रहा है। वन भूमि पर दिए गए आवासीय पट्टों पर 150 परिवार रहते हैं। अधिकारियों के दर पर चक्कर काटने के बावजूद यहां बिजली का एक पोल नहीं लग सका। स्थिति यह है कि गांव के युवकों की शादी तक में बिजली न होने की वजह से रुकावट आ रही है। रोशनी न होने के कारण लोग यहां बेटियां ब्याहने से कतराते हैं।

गंगानगर गांव खेड़ा ग्रामसभा का हिस्सा है। यहां के लोग भी वोटर हैं। चार दशक पुरानी डिमांड पूरी नहीं होने की वजह से 400 ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है। साल 1975 में पूर्व सीएम स्व. एनडी तिवारी ने काठगोदाम सर्किट हाउस के पास लोगों को आवासीय पट्टे के नाम पर 90 साल की लीज दिलवाकर बसाया था। हर तीस साल में पट्टे का नवीनीकरण होना था, लेकिन रिन्यूवल में दिक्कत आने की वजह से वन विभाग ऊर्जा निगम को कनेक्शन करने की मंजूरी नहीं दे रहा। ग्रामीणों के मुताबिक एक बार 25 खंभों को स्वीकृति मिलने पर दो पोल गांव में पहुंचे भी, लेकिन लग नहीं पाए। स्थानीय बीडीसी मेंबर अर्जुन बिष्ट के नेतृत्व में ग्रामीणों ने लंबे समय तक धरना-प्रदर्शन व आंदोलन भी किया। इसके बावजूद सिस्टम ने नहीं सुनी। ग्रामीण अब चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

अपना मकान होकर शहर में कमरे का किराया

गंगानगर के बुजुर्गों ने बताया कि अपना पक्का मकान होने के बावजूद एक दर्जन युवा बीवी-बच्चों सहित शहर में किराये का कमरा लेकर रह रहे हैं। दिन में कभी-कभार आते हैं। अंधेरा होने से पहले वापस लौट जाते हैं।

सड़क-पानी है, बस लाइट की कमी

गांव में हर घर में पानी की सुविधा होने के साथ सड़क भी बनी है। हालांकि रोड का नवीनीकरण बाकी है। ग्रामीणों का कहना है कि बस जल्द बिजली मिल जाए तो गांव खुशहाल हो जाएगा।

बिजली के अभाव में रात काटनी मुश्किल हो जाती है। गांव में जग कोई कार्यक्रम होता है तो जेनरेटर लाकर काम चलाते हैं। अधिकारियों को गांव की समस्या पर ध्यान देना होगा।

- शबीर अहमद, स्थानीय बुजुर्ग

आवासीय पट्टों का नवीनीकरण होने पर ही समस्या का समाधान होगा। कई बार वन विभाग के अफसरों से मिल चुके हैं। उसके बावजूद नहीं सुनी गई।

- अनिल गिरी गोस्वामी, स्थानीय युवक

प्रशासन, वन विभाग से लेकर ऊर्जा निगम के दफ्तरों के चक्कर काटे। दो सप्ताह तक आंदोलन व भूख हड़ताल भी की। हर बार आश्वासन व कागजी कार्रवाई की बात कहकर टाल दिया गया।

- अर्जुन बिष्ट, बीडीसी मेंबर

पेनाल्‍टी के साथ ग्रामीणों को करना होगा आवेदन

नित्यानंद पांडे, डीएफओ हल्द्वानी वन प्रभाग  ने इस बारे में कहा कि पट्टों का नवीनीकरण हो सकता है। पैनाल्टी के साथ दोबारा से ग्रामीणों को दस्तावेज देकर आवेदन करना होगा। आवेदन मिलने पर ग्रामीणों के पक्ष को आगे रखा जाएगा।

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